गोवा में सड़क हादसों में 98 परिवारों ने खो दी अपनी दूसरी पीढ़ी

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पणजी

गोवा में पिछले साल भीषण सड़क हादसों में 98 परिवारों ने अपनी दूसरी पीढ़ी गंवा दी। पिछले साल गोवा में सड़क हादसों में मारे गए 98 लोग अपने परिवार में इकलौते थे। गोवा के परिवहन विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर संदीप देसाई ने बताया कि राज्य के ऐक्सिडेंट डाटा का विश्लेषण करने पर यह सामने आया कि पिछले साल 16 से 25 साल के युवाओं की सबसे ज्यादा ऐक्सिडेंट में जान गई। देसाई ने बताया, 'ऐक्सिडेंट डेटा से यह भी सामने आया कि इस तरह के ऐक्सिडेंट अधिकतर जॉयराइड के दौरान होते हैं।' उन्होंने कहा, 'जब बाइक का इस्तेमाल सिर्फ परिवहन के लिहाज से हो तो ऐक्सिडेंट की आशंका भी कम हो जाती है।' देसाई नैशनल रोड सेफ्टी वीक के दौरान एक इवेंट में बोल रहे थे। इस बार की थीम यूथ पावर के जरिए बदलाव लाना है।

 

250 सीसी बाइक से हुआ ऐक्सिडेंट, चेहरा तक पहचानना हुआ मुश्किल

उन्होंने बताया, 'फर्मागुडी में 18 साल का एक कॉलेज स्टूडेंट 12वीं की दो छात्राओं के साथ क्लास बंक करके बोंडला गया था। उन्हें दोपहर एक बजे तक वापस लौटना था ताकि घर पर यह लगे कि सीधा कॉलेज से लौटकर आए हैं। तीनों 250 सीसी की बाइक से थे, रास्ते में ऐक्सिडेंट हुआ और तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।'

देसाई ने बताया, 'हादसा इतना भयानक था कि लड़के का चेहरा तक पहचान में नहीं आ रहा था। उनका परिवार तक शव की पहचान नहीं कर पाया था। देसाई ने बताया कि सड़क हादसों और हादसों में मौत के लिहाज से भारत दूसरा देश है।' 

 

चालान की राशि बढ़ने पर शोरगुल क्यों?'

गोवा के परिवहन मंत्री मोविन गॉडिन्हो ने बताया कि गोवा मेडिकल कॉलेज में हर दिन ऐक्सिडेंट की वजह से एक मौत होती है। गॉडिन्हो ने कहा, 'ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन और जुर्माने की राशि बढ़ाने पर इतना शोर क्यों है? अगर आप नियमों का पालन करते हैं और हेल्मेट पहनते हैं तो चालान क्यों कटेगा?'

 

 

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