November 23, 2024

RIL ने किया केंद्र का विरोध, 3.5 अरब डॉलर का बकाया चुकाने से इनकार

0

नई दिल्ली
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सऊदी अरब की कंपनी सऊदी अरामको के साथ 15 अरब डॉलर के सौदे पर रोक लगाने की केंद्र सरकार की दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर याचिका का विरोध किया है। कंपनी ने कहा कि मध्यस्थता अदालत ने किसी भी फैसले में बकाये की बात नहीं की है, इसलिए केंद्र सरकार की याचिका मान्य प्रक्रिया का उल्लंघन है।

रिलायंस ने शपथपत्र में कहा कि यह कहना सही नहीं है कि मध्यस्थता अदालत ने उसे और उसकी भागीदार कंपनी को सरकार को 3.5 अरब डॉलर के बकाया का भुगतान करने को कहा है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और उसकी भागीदार ब्रिटिश गैस (बीजी) को अपनी संपत्तियों के बारे में जानकारी देने को कहा है। न्यायालय ने यह आदेश केन्द्र सरकार की याचिका पर दिया है। केन्द्र सरकार ने उच्च न्यायालय में दायर याचिका में इन दोनों कंपनियों को अपनी संपत्तियों नहीं बेचने का निर्देश देने का आग्रह किया है। सरकार इन दोनों कंपनियों को उनकी संपत्तियों को बेचने से दूर रहने का आदेश देने के लिए अदालत पहुंची है।

केन्द्र सरकार का कहना है कि इन कंपनियों ने उसे 3.5 अरब डॉलर का भुगतान नहीं किया है। यह राशि पन्ना-मुक्ता और ताप्ती (पीएमटी) के उत्पादन-भागीदारी अनुबंध मामले में मध्यस्थता अदालत के केन्द्र सरकार के पक्ष में दिए गए फैसले के तहत दी जानी थी। सरकार ने अपने आवेदन में कहा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज भारी कर्ज के बोझ में है और यही वजह है कि कंपनी अपनी संपत्तियों को बेचने, हस्तांतरित करने की प्रक्रिया में है। ऐसा कर वह अपनी चल एवं अचल संपत्तियों में तीसरे पक्ष को ला रही है। रिलायंस अगर अपनी संपत्ति की बिक्री कर देती है तो ऐसी स्थिति में मध्यस्थता अदालत के निर्णय को अमल में लाने की खातिर सरकार के लिए कुछ नहीं बचेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *