December 15, 2025

4 साल की बच्ची को किडनैपिंग से बचाया, मार्शल की बहादुरी और समझदारी

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नई दिल्ली 

नई दिल्ली से एक ऐसा मामला सामने आया जहां एक बहादुर मार्शल ने एक बच्ची को अपहरण होने से बचा लिया. मार्शल का नाम अरुण कुमार है. आरोपी बस से बच्ची को अपहरण करके ले जा रहा था. मार्शल ने आरोपी को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया.

मार्शल ने बहादुरी से आरोपी को दबोचा
जानकारी के मुताबिक मार्शल अरुण कुमार बुधवार को बस रूट नंबर 728 में तैनात थे. ये बस नजफगढ़ से नई दिल्ली की तरफ आ रही थी. उसी बस के अंदर एक शख्स मौजूद था जिसके पास एक 4 साल की बच्ची मौजूद थी. वह बच्ची काफी देर से रो रही थी. बच्ची को रोता देख बस में तैनात मार्शल अरुण कुमार को शक हुआ. उसने उस शख्स से पूछा कि यह बच्ची आपकी है तो वह घबरा गया और बस से भागने की कोशिश करने लगा.

इसी दौरान मार्शल ने बहादुरी दिखाते हुए बस के कंडक्टर और ड्राइवर को इशारा किया और बस के दोनों दरवाजे बंद कर दिए. जिसके बाद मार्शल अरुण कुमार ने आरोपी शख्स को धौलाकुआं पुलिस चौकी में पुलिस के हवाले कर दिया.

निजामुद्दीन इलाके से हुई थी बच्ची लापता
जांच पड़ताल के बाद पता चला 4 साल की मासूम बच्ची मंगलवार से निजामुद्दीन इलाके से लापता थी. बच्ची के माता-पिता के माता पिता ने बच्ची के लापता होले की शिकायत निजामुदीन थाने में दर्ज कराई थी. बच्ची के अपहरण के चलते बच्ची के माता-पिता काफी ज्यादा परेशान थे. अरुण कुमार की सूझबूझ और बहादुरी के चलते उस मासूम बच्ची को उनके माता-पिता के हवाले कर दिया गया.

हालांकि आरोपी के पकड़े जाने के बाद पुलिस इस पूरे मामले की तह तक जाने में जुट गई है. पुलिस को शक है कि यह अपहरणकर्ता क्या किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा तो नहीं है.  क्योंकि जिस बस में आरोपी जा रहा था वह बस नई दिल्ली रेलवे स्टेशन जा रही थी. ऐसे में शक है कि वह बच्ची को लेकर दिल्ली से बाहर भागने की फिराक में था.

मार्शल ने बताई कहानी
मार्शल अरुण कुमार ने बताया जब उसे आरोपी पर शक हुआ और वह उसके पास गया तो उसको जरा सा भी डर नहीं लगा. सभी उसने दिल्ली की तमाम बसों में तैनात मार्शलों से अपील की है कि जब इस तरीके की कोई वारदात सामने आये तो आगे बढ़कर उसका सामना करें ताकि जुर्म पर लगाम लगाई जा सके. दिल्ली सरकार की तरफ से अरुण को सम्मानित भी किया जाएगा. अरुण कुमार की हाल ही में 30 अक्टूबर को बतौर मार्शल तैनाती हुई थी और काम करते हुए महज 15 से 20 दिन ही हुए थे.

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