November 23, 2024

SIT ने की मंत्रालय की घेराबंदी,रडार पर 4 सरकारी विभाग

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भोपाल
मध्य प्रदेश (madhya pradesh)के हाईप्रोफाइल हनीट्रैप (honey trap)मामले में जांच एजेंसी SIT ने अब मंत्रालय (mantralay)की घेराबंदी शुरू कर दी है.उसके रडार पर चार सरकारी विभाग हैं.ये वही विभाग हैं, जिनकी सील भोपाल की आरोपी महिला के घर से बरामद की गयी थीं.इन विभागों के कई अफसरों की नेताओं से सांठगांठ भी सामने आई है.

हनीट्रैप केस की जांच के लिए बनायी गयी एसआईटी ने मंत्रालय के चार सरकारी विभागों की पड़ताल तेज कर दी है.जांच इस बात को लेकर की जा रही है कि जिन सरकारी विभागों की सील भोपाल की आरोपी महिला के घर से बरामद की गयी थीं, उसका इस्तेमाल आरोपी किन-किन अधिकारियों के इशारे पर कर रहे थे.

सूत्रों के अनुसार एसआईटी के हाथ जिन विभागों की सांठगांठ के सबूत लगे हैं, उनमें से कृषि विभाग को लेकर पहले ही शिकायत हो चुकी है.आरोप है कि कृषि विभाग में सक्रिय हनीट्रैप गैंग ने कई सरकारी काम कराए हैं.इनमें गैंग में शामिल एक दंपति की सक्रियता की बात भी बार-बार सामने आ रही है.अब इन विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से कितने और कौन-कौन से काम कराए हैं,इस बिंदु को लेकर भी जांच की जा रही है.

भोपाल में आरोपी महिला के घर दबिश के दौरान इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ चार सरकारी विभागों की सील और कई सरकारी दस्तावेज बरामद किए गए थे.कांग्रेस का आरोप है कि हनीट्रैप गैंग के मंत्रालय से जुड़े कनेक्शन को गंभीरता से लेने की ज़रूरत है.एसआईटी बारीकी से जांच कर दोषियों को बेनकाब करेगी.

नई एसआईटी की टीम को जांच के दौरान आरोपियों के बैंक अकाउंट के ट्रांजेक्शन में कई अहम सुराग मिले हैं.सूत्रों पर यकीन करें, तो जांच एजेंसी को कई नेताओं, अफसरों, कारोबारियों, बिल्डरों और व्यापारियों के बैंक अकाउंटर से आरोपियों के बैंक अकाउंट में मोटी रकम ट्रांसफर की जानकारी भी मिली है.इस जानकारी को पुख्ता करने के लिए एसआईटी की एक टीम तेजी से जांच में जुट गई है.सभी आरोपियों के बैंक अकाउंट को खंगाला जा रहा है.पिछले कुछ साल में हुए ट्रांसजेक्शन की जानकारी की जांच भी की जा रही है.

उन नामों की सूची बनाई जा रही है, जिन्होंने इन आरोपियों के बैंक अकाउंट में मोटी रकम ट्रांसफर की है.प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है अगर जांच एजेंसी बिना भेदभाव के जांच करेगी, तो जो भी दोषी होगा, उसके चेहरे बेनकाब हो जाएंगे.लेकिन एसआईटी से ऐसी उम्मीद नहीं है.इसलिए बीजेपी सीबीआई जांच की मांग कर रही है.

नई एसआईटी की जांच में कई खुलासे होने की संभावना है.अभी जांच अधिकारी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के डाटा से मिली जानकारी, बैंक अकाउंट और सरकारी विभागों से कनेक्शन के सबूत जुटा रहे हैं.आने वाले समय में पांच आरोपियों के अलावा भी दूसरे कई आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है.

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