बस्तर में सीपीआई बसपा, जनता कांग्रेस गठबंधन में दरार
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में विधानसभा चुनाव 2018 के लिए बना छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी, बहुजन समाज पार्टी, और सीपीआई की बनी म हागठबंधन टूटने की कगार पर पहुंच चुका है। बहरहाल महागठबंधन के एक और घटक सीपीआई ने बस्तर में पांच विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारकर गठबंधन के नियमों को तोड़ दिया है, जिसके बाद से बहुजन समाज पार्टी और सीपीआई दोनों दल एक दूसरे के आमने-सामने आ गए हैं, जिसके चलते दलों में आपस में ही लड़ाई शुरू हो गई है।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन के दौरान अजीत जोगी की पार्टी को 55 सीटें और 35 सीटें बसपा को मिली थी, उसके बाद इस गठबंधन में सीपीआई ने अपनी इंट्री की तो उसे बस्तर संभाग की दंतेवाड़ा और कोंटा विधानसभा की 02 विधानसभा सीट बसपा के खाते की दे दी गई, लेकिन सीपीआई ने गठबंधन को दरकिनार करते हुए बस्तर संभाग की 05 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों को उतार दिया, जिसके बाद से बसपा और सीपीआई में अंतकलह शुरु हो गई है। छत्तीसगढ़ बहुजन समाज पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ओपी बाजपेयी का कहना है कि सीपीआई का कदम निश्चित ही गठबंधन के नियमों के खिलाफ है। इसलिए गठबंधन में सीपीआई के बने रहने को लेकर आल स्तर के नेाताओं से चर्चा की जा रही है।
दूसरी ओर सीपीआई नेता आरडीसीपी राव का कहना है कि हमें कम सीटें मिली हैं, हमें गठबंधन में बाद में शामिल किया गया हम तो 02 विधानसभा सीट से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इस पूरे मामले को लेकर गठबंधन के सूत्रधार अजीत जोगी की पार्टी मानती है कि दोनों दलों के नेताओं को समझाने की कोशिश की जा रही है, पार्टी के महामंत्री अब्दुल अमीद हयात का कहना है कि दोनों दलों से चर्चा की जा रही है। दोनों को मना लिया जाएगा, हालांकि सीपीआई के नेता कह रहे हैं कि जब बस्तर संभाग की 02 विधानसभा सीटों पर समझौता हो गया था तो फिर कोंटा और दंतेवाड़ा से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल क्यों करवाया गया?