November 24, 2024

कांग्रेस बार-बार सुप्रीम कोर्ट जाकर काम में रुकावट न डाले : चुनाव आयोग

0

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में पारदर्शिता की मांग को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ की याचिका पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। चुनाव आयोग ने कमलनाथ की याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि कांग्रेस बार-बार सुप्रीम कोर्ट में जाकर आयोग की कार्यपद्धति में रुकावट न डाले। चुनाव आयोग ने अपने हलफनामे में कहा कि कांग्रेस एक खास अंदाज में चुनाव कराने के दिशा-निर्देश जारी न करवाए, क्योंकि चुनाव आयोग पहले से ही कानूनी प्रावधान के तहत चुनाव कराता है।

आयोग का कहना है कि कांग्रेस की याचिका आधारहीन है और इसलिए सुप्रीम कोर्ट कमलनाथ की याचिका खारिज करे। दरअसल, मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की मांग को लेकर कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

चुनाव आयोग ने कोर्ट में दिये गये अपने हलफनामे में साफ कहा है कि याचिका में आयोग पर लगाए गए आरोप गलत, बेबुनियाद और भ्रामक हैं। मतदाता सूची का प्रकाशन मतदाता सूची की जांच पडताल का अभिन्न हिस्सा है।

इसमें आगे कहा गया कि आयोग अपनी भूमिका और कर्तव्यों को लेकर सतर्क है, साथ ही ईवीएम की खरीद और सुरक्षा सुनिश्चित करने, वीवीपीएटी की छपाई, मशीनों की मॉक टेस्टिंग, अधिकारियों की तैनाती आदि सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।

हलफनामे में कहा गया है कि, याचिकाकर्ता का वीवीपैट मशीनों में खराबी का आरोप पूरी तरह से झूठा और भ्रामक हैं। गुजरात के किसी अन्य कांग्रेस नेता द्वारा दायर की गई इसी तरह की याचिका पर शीर्ष अदालत ने पहले भी विचार-विमर्श किया है। इसलिए, पार्टी और उसके सदस्यों द्वारा हर चुनाव से पहले एक ही मुद्दे को उठाने का कोई औचित्य नहीं है।

गौरतलब है कि कांग्रेस की मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की इकाइयों के प्रमुखों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर कहा था कि चुनाव आयोग फर्जी वोटरों का नाम वोटर लिस्ट से हटाए। यह अपील कमलनाथ, सचिन पायलट और भूपेश बघेल ने की थी। इन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग इन राज्यों में निष्पक्ष चुनाव कराना सुनिश्चित करे। कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा था कि हम चुनाव आयोग को सबूत देंगे कि राज्य में 60 लाख फर्जी वोटर हैं। मामला सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने मामले में जांच करवाने का भरोसा दिया था। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में इसी साल चुनाव होने है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *