November 23, 2024

छत्तीसगढ़ का चीरहरण हो रहा है वरिष्ठ सांसद रमेश बैस के बयान कांग्रेस का पलटवार

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छत्तीसगढ़ का चीरहरण होता रहा धृतराष्ट्र की तरह आंख में काली पट्टी बांध मौन क्यों रहे रमेश बैस? – कांग्रेस


रायपुर/छत्तीसगढ़ का चीरहरण हो रहा है वरिष्ठ सांसद रमेश बैस के बयान पर पलटवार करते हुये प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ सांसद रमेश बैस की इन दिनों पार्टी में पूछ-परख कम होने के चलते पार्टी में हो रही उपेक्षा को लेकर सार्वजनिक रूप से सरकार के प्रति नाराजगी दिखाई दे रही है। खरोरा में आयोजित माटी पुत्र सम्मान कार्यक्रम में सरकार और पार्टी पर हमला बोला। वरिष्ठ भाजपा सांसद ने कहा कि छत्तीसगढ़ का द्रोपदी की तरह चीरहरण हो रहा है और हम सब देख रहे हैं उन्होंने कहा परिक्रमा नहीं पराक्रम चाहिए इसमें छत्तीसगढ़ पीछे है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा है कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन देख भाजपा की अंदरूनी कलह सामने आने लगी है। भाजपा के सबसे वरिष्ठ सात बार के सांसद रमेश बैस का द्रोपदी की तरह छत्तीसगढ़ का चिरहरण कहना रमन सरकार पर गंभीर आरोप है। प्रदेश में विकास कार्यो के नाम पर भ्रष्टाचारी, कमीशनखोरी कर जनता की गाड़ी कमाई का जिस तरह चीरहरण किया जा रहा है, जनविरोधी निर्णय जल, जंगल, जमीन, युवाओं की बढ़ती बेरोजगारी, आदिवासियों से छलावा, महिलाओं की अस्मिता पर बढ़ता वार, आउटसोर्सिंग से स्थानीय जनों की उपेक्षा जैसे अनेकों ऐसे कारण है जिससे भाजपा ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है। भाजपा से पूर्वमंत्री पूनम चंद्राकर ने पार्टी बैठक में खुलकर नाराजगी जताई पार्टी पदों से इस्तीफा दिए जाने बातें हुई। अ.जा., ज.जा. आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकुमार साय, राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पांडेय, पूर्व सांसद सोहन पोटाई ने अनेको बार प्रदेश संगठन और सत्ता के निर्णयो पर उंगलिया उठाकर भाजपा के दिखावे अनुशासन को तार-तार किया है। भाजपा में अपनी बात अपनी परेशानी नहीं रख पाने की पीड़ा से ग्रसित होने के चलते अब वरिष्ठ भाजपा सांसद रमेश बैस ने तो बड़ी चुप्पी तोड़ते हुये द्रोपदी चीरहरण का उदाहरण देकर बेहद ही बड़ी बात कही है। परिक्रमा भाजपा की संस्कृति बन चुकी है, पराक्रम सत्ता के लोभ में समाप्त हो चुका है। रमेश बैस प्रदेश का चिरहरण होता रहा और वे खुद धृतराष्ट्र की तरह आंख पर काली पट्टी बांधकर तमाशबीन क्यों बने रहे? चुनाव नजदीक आते देख चीरहरण के साक्षी जनता के हितैषी बनने का ढोंग कर रहे है।

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