समर्थक मंत्री इस्तीफा दें ,सड़क पर आकर श्रीमंत सिंधिया कि लड़ाई लड़ें- बाल खांडे
ग्वालियर
कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के सड़क पर उतरने वाले बयान और उसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित सिंधिया विरोधी गुट द्वारा उनके खिलाफ की जा रही बयानबाजी के बाद सिंधिया समर्थक नेता मुखर हो गए हैं। सिंधिया समर्थक और महल के वफादारों में शामिल एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने अपनी फेसबुक वॉल पर सिंधिया के समर्थन में अभियान छेड़ दिया है। जिसके बाद से सिंधिया गुट के नेताओं ने सोशल मीडिया पर जंग छेड़ दी है। इस जंग में सिंधिया समर्थक मंत्रियों से इस्तीफा मांगा जा रहा है।
सिंधिया समर्थक और महल यानि जयविलास पैलेस के वफादार वरिष्ठ नेता बाल खांडे ने अपनी फेसबुक वॉल पर सिंधिया के समर्थन में एक पोस्ट लिखी है। बड़े महाराज यानि स्वर्गीय माधव राव सिंधिया के विश्वास पात्र रहे पूर्व जिला महामंत्री बाल खांडे ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा कि “कार्यकर्ता श्रीमंत सिंधिया जी अभिमन्यु नहीं बनने देगा। सिंधिया जी के सम्मान की लड़ाई लड़ना है तो समर्थक मंत्री इस्तीफा दें और सड़क पर आकर श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया कि लड़ाई लड़ें। सरकार और नेताओं के होश दो दिन में ठिकाने आ जाएंगे।” बाल खांडे की इस पोस्ट के बाद अंचल के सिंधिया समर्थक नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया देना शुरू कर दी। सत्येंद्र शर्मा ने लिखा ” महाराज की दम पर सरकार बनी है”। अनूप तिवारी लिखते हैं “देश की आन, बान और शान सिंधिया जी में है, हम सब कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे और आने वाले भविष्य में मुख्यमंत्री कमलनाथ को काले झंडे दिखाएंगे और उन्हें घुसने नहीं देंगे।” भुवनेश चौरसिया लिखते हैं “मंत्रीगण कैबिनेट कि बैठकों में सिंधिया जी की बात तक नहीं रख पाते, सत्ता सुख में सब सेट हैं।” पवन महाराज ने लिखा ” टिकट और मंत्री पद के लिए सिंधिया जी के तलवे चाटेंगे, अब उनका साथ देने की बारी आएगी तो इस्तीफा नहीं देंगे।”
तरुण कुमार शर्मा लिखते हैं ” नजरें चुरा लेते हैं कुछ लोग जिनकी वजह से सबकुछ दांव पर है। महाराज साहब जनसेवक हैं और जनता के लिए सड़क पर उतरने में उन्हें तकलीफ नहीं है, सरकार उनके दम पर ही है।” लतीफ़ खां मल्लू लिखते हैं ” बड़े भाई हमेशा आप सिंधिया परिवार के साथ खड़े हैं बहुत का लोग ऐसे होते हैं जो वफादार होते हैं। अभी सब मस्त हैं। ” रमेश पाल ने लिखा कि”मंत्री विधायक इस्तीफा नहीं देंगे, सरकार में सेट हो गए हैं इन्हीं लोगों कि वजह से सिंधिया जी कमजोर हैं। सही समय है ऐसे लोगों को पहचानने का, समय रहते नहीं पहचाना तो मुश्किल होगी। कार्यकर्ता उनके सम्मान की रक्षा करेंगे।” वीरेंद्र तोमर ने लिखा” मंत्री विधायकों में इतनी हिम्मत कहाँ”। इसके अलावा और कई कार्यकर्ताओं ने सिंधिया समर्थकों ने उन मंत्रियों और विधायकों को निशाने पर लिया है जो इस समय सिंधिया का साथ नहीं दे रहे। बहरहाल इस पोस्ट के बाद राजनीति में नई बहस शुरू हो गई है।