370 पर टूट रही पीडीपी!एक और इस्तीफा
श्रीनगर
आर्टिकल 370 के खात्मे को लेकर जम्मू-कश्मीर की पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी (पीडीपी) में फूट पड़ती दिख रही है। महबूबा मुफ्ती की अगुवाई वाली पीडीपी के वरिष्ठ नेता शाह मोहम्मद तांत्रे ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले चार नेताओं ने पीडीपी से इस्तीफा दे दिया था। जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल जी सी मुर्मू से पीडीपी नेताओं की मुलाकात के बारे में शाह मोहम्मद ने कहा कि पार्टी नेताओं को बेवजह निकाला जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान किए गए कई संशोधनों के बाद आर्टिकल 370 लगभग खत्म हो चुका था।
64 वर्षीय शाह मोहम्मद 2014 के विधानसभा चुनाव में पीडीपी के टिकट पर पुंछ-हवेली सीट से विधायक चुने गए थे। आर्टिकल 370 के बारे में शाह मोहम्मद ने कहा, 'कांग्रेस सरकार के दौरान दर्जनों संशोधनों के चलते आर्टिकल 370 पहले ही खत्म हो चुका था।' बताते चलें कि अगस्त 2019 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने आर्टिकल 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करते हुए जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष राज्य के दर्जे को खत्म कर दिया।
उप राज्यपाल से मुलाकात के बाद निकाले गए पीडीपी के आठ नेता
पिछले महीने पीडीपी के कुछ नेताओं ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल जी सी मुर्मू से मुलाकात की थी। इसी के चलते पीडीपी ने 9 जनवरी को पार्टी के आठ बड़े नेताओं- दिलावर मीर, रफी अहमद मीर, जफ्फार इकबाल, अब्दुल मजीद पदरू, राजा मंदूर खान, जावेद हुसैन बेग, कमर हुसैन और अब्दुल रहीम राठेर को पार्टी से बाहर निकाल दिया था।
बता दें कि इन नेताओं ने पीडीपी के पूर्व नेता सैय्यद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व में उप राज्यपाल से मुलाकात की थी। शाह मोहम्मद भी इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे लेकिन पीडीपी ने उन्हें नहीं निकाला था। इस बारे में पीडीपी ने कहा था कि केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में लिए अपने इस फैसले से राज्य के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। पीडीपी ने यह भी कहा था कि कुछ नेताओं ने पार्टी के आधिकारिक स्टैंड और विचारों से इतर जाते हुए उप राज्यपाल से मुलाकात की और कई तरह के लाभ लिए। इसलिए इन सदस्यों को पार्टी से निकाला गया।
सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी बना रहे नई पार्टी?
पीडीपी से आठ नेताओं के निकाले जाने के बाद चार और नेताओं ने पार्टी छोड़ दी। इसमें पूर्व विधाक रफियाबाद यावर मीर, पीडीपी के राज्य सचिव मीर समीउल्ला, मुंतजिर मोहुइद्दीन और सैयद शौकत गूयर थे। इस बीच यह भी चर्चा चल रही है कि सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी कांग्रेस, पीडीपी और अन्य पार्टियों से असंतुष्ट चल रहे नेताओं को लेकर नई पार्टी बनाने जा रहे हैं।
शाह मोहम्मद ने पीडीपी छोड़ते वक्त कहा, 'पार्टी से नेताओं को निकाल दिया जाना ठीक नहीं था। पहले उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया जा सकता था। काफी सोच विचार के बाद मैंने अपनी इच्छा से पीडीपी छोड़ने का फैसला लिया है। अपने साथियों, दोस्तों और परिवार से बात करने के बाद मैं फैसला लूंगा कि बुखारी के साथ जाऊं या नहीं।'
'केंद्र या उप राज्यपाल से बातचीत गुनाह नहीं'
पीडीपी छोड़ने के बारे में शाह मोहम्मद ने कहा, 'मैंने पीडीपी को अपने इस फैसले के बारे में फिर से सोचने को कहा। वर्तमान हालात हमें केंद्र और उप राज्यपाल से बात करनी होगी और पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने, पड़ोसी हिमाचल प्रदेश की तरह भूमि और रोजगार की रक्षा की मांग उठानी होगी, जो बिना बातचीत संभव नहीं है।