3 लोगों ने कैसे 4,000 लोगों को लगाया 400 करोड़ रुपये का चूना
नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसने डीडीए फ्लैट देने का झांसा देकर 4,000 लोगों को 400 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एक रियल्टी फर्म के तीन मालिकों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने केंद्र सरकार की एक योजना के तहत द्वारका में डीडीए का फ्लैट देने का झांसा देकर सैकड़ों लोगों को धोखा दिया। इस घोटाले के बारे में सबसे पहले टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर छापी थी, जिसके बाद मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया था। जॉइंट कमिश्नर ओ. पी. मिश्रा ने बताया कि तीनों आरोपी सतेंदर मान, प्रदीप शेहरावत तथा सुभाष चंद रेवांता मल्टी स्टेट सीजीएचएस लिमिटेड नामक कंपनी चलाते थे और मकान बेचने के लिए विज्ञापन निकलवाते थे।
इस तरह फंसाते थे लोगों को
तीनों आरोपी एसएमएस और ऑनलाइन विज्ञापन के जरिए लोगों को लुभावने डीडीए हाउजिंग स्कीम में निवेश के लिए आकर्षित करते थे। खरीदारों से फ्लैटों के लकी ड्रॉ में आवेदन करने के लिए 'डिवेलपमेंट चार्ज' के रूप में रकम मांगी जाती थी। हालांकि, न तो उन्हें फ्लैट मिलता था और न ही पैसे। जांच में खुलासा हुआ है कि उन्होंने द्वारका में डीडीए की लैंड पुलिंग पॉलिसी के तहत मकान देने के लिए 3,997 लोगों से कुल 400 करोड़ रुपये की रकम की उगाही की। मिश्रा ने कहा, 'जो जमीन खरीदी गई वह 53 लाख रुपये के सर्किल रेट के मुकाबले बेहद महंगी कीमत लगभग 10 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के रेट से खरीदी गई। जमीन खरीदने के लिए सीथे किसानों से डील न कर जमीन की खरीद-फरोख्त करवाने वाली एजेंसियों को शामिल किया और 115 करोड़ रुपये का घपला किया।' पूछताछ के दौरन आरोपी ने बताया कि वह खुद को डीडीए का अधिकृत एजेंट बताते थे। हालांकि जांच में यह पाया गया है कि डीडीए ने उनकी कंपनी को विज्ञापन जारी करने की कभी कोई अनुमति नहीं दी थी। पुलिस ने डीडीए फ्लैट देने का झांसा देकर पैसे डकारने को लेकर बिल्डर्स के खिलाफ 16 और मामले दर्ज किए हैं।
ऐसे हुआ पर्दाफाश
घोटाले से उस वक्त पर्दा उठा, जब संगम विहार निवासी रेवंत कुमार मिश्रा ने पुलिस में इस मामले को लेकर एक शिकायत दर्ज कराई। उनकी शिकायत के आधार पर द्वारका सेक्टर 23 स्थित रेवांता मल्टी स्टेट सीजीएचएस लिमिटेड के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने, विश्वास का आपराधिक उल्लंघन करने तथा फर्जीवाड़े का केस दर्ज किया गया। मिश्रा ने पुलिस को बताया कि उन्होंने 2015 में एक विज्ञापन देखा था, जिसमें द्वारका के एल जोन में लैंड पुलिंग के जरिये अपार्टमेंट बनाने की बात कही गई थी। इस मामले की डीडीए ने भी अलग से जांच की है और रिपोर्ट पुलिस को सौंप दिया है।