November 23, 2024

Republic Day 2020: राम-कृष्ण से लेकर गौतम बुद्ध और गांधी की कहानियों से सजा है हमारा संविधान

0

नई दिल्ली  
देश अपना 71वां गणतंत्र मना रहा है। पिछले साल ही भारत के संविधान को 70 साल पूरे हुए। 26 नवंबर, 1949 को हमारे देश का संविधान तैयार किया गया था। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में कई लोगों की मेहनत के बल दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का संविधान तैयार किया गया।

22 भाग वाले भारतीय संविधान में हमारे अधिकारों से लेकर कर्तव्यों का विस्तृत रूप से जिक्र है। मगर क्या आप जानते हैं कि संविधान निर्माताओं ने भारत के इतिहास की यात्रा को संविधान में दर्शाने के लिए ऐतिहासिक चित्रों का इस्तेमाल किया है।

प्रत्येक भाग एक चित्र से शुरू होता है। कहीं आपको रावण वध के बाद सीता को वापस लाते भगवान राम दिखते हैं, तो कहीं गांधी जी अहिंसा का संदेश देते दिखते हैं। यही नहीं गौतम बुद्ध, अकबर से लेकर रानी लक्ष्मी बाई और महाराणा प्रताप तक की झलक आपको संविधान में मिलेगी।

संविधान में मोहनजोदड़ों से शुरुआत के साथ यह सफर वैदिक काल, गुप्त वंश से होते हुए मध्यकालीन युग में प्रवेश करता है। फिर यहां से मुगल काल होते हुए हम ब्रिटिश शासन काल में पहुंचते हैं। इसके बाद स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व करते गांधी जी दिखते हैं। इन चित्रों को शांति निकेतन के आचार्य नंदलाल बोस और उनके छात्रों ने तैयार किया था।

मौलिक अधिकार बताने वाले संविधान के तीसरे भाग की शुरुआत त्रेता युग के चित्र से होती है। इसमें रावण को हराकर भगवान राम सीताजी को लंका से ले जा रहे हैं। राम के साथ उनके भाई लक्ष्मण भी हैं।

भारतीय संविधान के अध्याय चार में भगवान कृष्ण दिखते हैं। यहां नीति निर्देशक सिद्धांतों को दिखाने के लिए महाभारत के युद्ध में अर्जुन को उपदेश देते श्री कृष्ण का चित्र है।

अब बात करते हैं भारतीय संविधान के भाग पांच की। इसकी शुरुआत में गौतम बुद्ध की वो तस्वीर है, जिसमें उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इस अध्याय का नाम शीर्षक 'संघ' है। राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति की भूमिका से जुड़े नियमों की व्याख्या इसी भाग में किए गए हैं।

भारतीय संविधान के दसवें भाग में अनुसूचित व जनजातीय क्षेत्रों का जिक्र है। इस भाग की शुरुआत गुप्तकालीन नालंदा विश्वविद्यालय की तस्वीर से शुरू होता है। नालंदा विश्वविद्यालय अपने समय में काफी लोकप्रिय था और यहां दूर दराज से छात्र पढ़ते थे।

भारत के संविधान के 14वें भाग में आपको अकबर के पूरे दरबार की झलक मिलती है। पहले पन्ने पर छपे चित्र में बादशाह अकबर अपने सिंहासन पर बैठे हैं। उनके साथ दरबारी हैं और चंवर हिलाते सेवक हैं। संविधान के इस हिस्से में केंद्र और राज्यों के अधीन सेवाओं का उल्लेख करता है।

संविधान के 18वें भाग में आपातकाल के प्रावधानों का उल्लेख है। साथ ही इसमें महात्मा गांधी की नोआखाली यात्रा से जुड़ा चित्र है। यह चित्र सांप्रदायिक सद्भावना का प्रतिनिधित्व करता है। भारतीय संविधान के भाग 16 में रानी लक्ष्मीबाई और महाराणा प्रताप का जिक्र है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *