जेएनयू हिंसा पर विपक्षी दलों ने सरकार पर साधा निशाना, लोकतंत्र पर बताया हमला
नई दिल्ली
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा पर राजनीतिक घमासान भी जारी है। छात्र संगठन जहां एक-दूसरे को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं तो विपक्षी दल भी सीधे सरकार पर हमलावर हैं। सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी, कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम समेत कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने हिंसा के लिए सीधे तौर पर सरकार को जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने हिंसा के दोषियों को सख्त सज़ा देने की भी मांग की।
जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों पर हुए हमले पर सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'जेएनयू में कल हुए हमले बता रहे हैं विरोध की आवाज को दबाने के लिए यह सरकार किस हद तक जा सकती है। भारत के युवाओं और छात्रों की आवाज को हर रोज दबाया जा रहा है। सत्तारूढ़ मोदी सरकार के बहकावे में आकर गुंडों द्वारा भारत के इन युवाओं पर भयावह तरीके से हिंसा की गई। यह बहुत ही निराशाजनक और अस्वीकार्य है।'
चिदंबरम ने सरकार को घेरा, हिंसा को बताया शर्मनाक
कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने जेएनयू हिंसा के बहाने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, 'बीती रात, नकाबपोश जेएनयू परिसर में घुसे और छात्रों-शिक्षकों के साथ मारपीट की। इसे टीवी पर लाइव दिखाया गया। यह सबसे भयानक घटना है जिसे हमने हाल के दिनों में देखा है। इससे ज्यादा चौंकाने वाला और शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता।' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह घटना शायद इस बात का सबूत है कि हम तेजी से अराजकता के दौर में जा रहे हैं। केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, 'यह घटना केंद्र सरकार, गृह मंत्री, उपराज्यपाल और पुलिस कमिश्नर की निगरानी में राष्ट्रीय राजधानी में स्थित भारत की अग्रणी यूनिवर्सिटी में हुई।'
उद्धव ठाकरे ने 26/11 से की तुलना
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जेएनयू हिंसा की तुलना 26/11 से की। उन्होंने कहा, 'ये जो हमलावर थे, इनको क्या जरूरत थी नकाब पहनने की? ये कायर थे, इस कायरता का कभी भी हिंदुस्तान में समर्थन नहीं हो सकता। यह सबकुछ देखकर मुझे 26/11 मुंबई अटैक की याद आ गई। मैं इस तरह के हमले महाराष्ट्र में कतई बर्दाश्त नहीं करूंगा।'
येचुरी ने कहा, 'नारों से पहचान सकते हैं बाहरी थे हमलावर'
सीपीआई नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि हमलावर बाहरी थे और कौन थे, यह नारों से समझा जा सकता है। उन्होंने कहा, 'जेएनयू में कल हुई हिंसा में पूरी तरह से बाहरी लोग शामिल थे। इसमें किसका हाथ था, यह उन लोगों द्वारा लगाए जा रहे नारों से ही स्पष्ट हो जाता है। यह हमला पूरी तरह से प्रायोजित था। जेएनयू के छात्रों और टीचर्स को रॉड से बेरहमी से पीटा गया। जेएनयू के कुलपति को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए। हिंसा के दोषियों की पहचान होनी चाहिए और उनको सजा दी जानी चाहिए।'