उद्योगपतियों को राज्य सरकार से मिली छूट का इस्तेमाल वे MP के आलावा कहीं और नहीं कर सकेंगे : कमलनाथ
भोपाल
प्रदेश में उद्योगपतियों को निवेश के अवसर और टैक्स में छूट दे रही कमलनाथ एमपी का पैसा कहीं और बाहर नहीं लगने देगी। उद्योगपतियों को इंडस्ट्री स्थापित करने के दौरान राज्य सरकार छूट देगी और इसके बदले उद्योगों को जो राशि मिलेगी, उसका इस्तेमाल वे कहीं और नहीं कर सकेंगे। यह पैसा उन्हें एमपी में ही किसी अन्य उद्योग या पुराने उद्योग के विस्तार में ही लगाना होगा।
औद्योगिक निवेश और प्रोत्साहन विभाग ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि मध्यप्रदेश में एक उद्योग लगाने के बाद उद्योगपति और भी नए उद्योग यहीं लगाएं और लोगों को रोजगार के मौके प्रदान करें। विभाग ने इसके लिए जो प्रावधान तय किए हैं, उसके मुताबिक उद्योगों को दस से चालीस फीसदी तक की सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है। यह रियायत सात साल तक साल दर साल दिए जाने की व्यवस्था नियमों में की गई है। इसी के चलते जो उद्योगपति यहां उद्योग लगाएंगे उन्हें छूट का फायदा इंडस्ट्री लगने के साथ ही दिया जाने लगेगा लेकिन उद्योगपति यह पैसा दूसरे राज्य में किसी अन्य काम में खर्च नहीं कर सकेंगे। उद्योगपतियों को अपने औद्योगिक फायदे के साथ एमपी से मिली टैक्स छूट की राशि से यहीं पर उद्योग लगाना होगा।
विभाग का मानना है कि इस नीति का फायदा यह होगा कि इससे रोजगार भी मिलेगा और प्रदेश में औद्योगिक निवेश भी बढ़ेगा। चूंकि सरकार निवेश के दौरान बिजली तथा अन्य तरीके की सुविधाएं दे रही है। इसलिए निवेशक इसमें रुचि भी ले रहे हैं। बताया गया कि चूंकि राज्य सरकार अब जीएसटी के कारण वैट या किसी अन्य तरह की छूट नहीं दे सकती है। इसलिए ऐसी व्यवस्था निवेश नीति में की गई है।
प्रदेश में निवेश के लिए आगे आने वाले उद्योगपतियों को यह शर्त भी तय की जा रही है कि वे अपने उद्योग में 70 फीसदी स्थानीय लोगों को रोजगार देंगे। इससे प्रदेश में बेरोजगारी भी घटेगी। उद्योगों को सरकार की इस शर्त का पालन भी करना होगा कि उद्योग लगाने के बाद जो माल परिवहन दूसरे राज्यों में किया जाएगा। उसके लिए ट्रक और अन्य वाहन दूसरे राज्यों के नहीं लगा सकेंगे। यह परिवहन एमपी के वाहनों से ही किया जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि माल परिवहन के माध्यम से भी छोटे रोजगार के अवसर सृजित होंगे।