दिल्ली इलेक्शन के बाद हो सकता है DDCA के अध्यक्ष पद का चुनाव, गौतम गंभीर फिलहाल इस पद के लिए योग्य नहीं
नई दिल्ली
दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट असोसिएशन (डीडीसीए) में रविवार को वार्षिक आम सभा के दौरान जमकर घूंसे और लात चले। सोमवार को कहा गया कि दिल्ली चुनाव के बाद इसका फैसला होगा कि डीडीसीए का नया अध्यक्ष कौन होगा। इसके अलावा डीडीसीए ने साफ कर दिया है कि अध्यक्ष पद के लिए पूर्व क्रिकेटर और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद गौतम गंभीर इस पद के लिए एलिजिबल नहीं हैं। दरअसल ऐसी खबरें आ रही थीं कि 13 जनवरी को डीडीसीए के अध्यक्ष पद की घोषणा होगी और गंभीर को इस पद पर बैठाया जा सकता है।
लोढ़ा सिफारिश के तहत गंभीर इस पद के योग्य नहीं है। डीडीसीए के जनरल सेक्रेटरी विनोद तिहारा ने कहा, 'लोकपाल दीपक वर्मा से गुजारिश की जाएगी कि डीडीसीए अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए कुछ समय दिया जाए। पहले ये चुनाव जनवरी के अंत में होना था, लेकिन दिल्ली इलेक्शन फरवरी में हैं और इसके बात डीडीसीए अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने की गुजारिश की जाएगी।'
रजत शर्मा के इस्तीफे के बाद से डीडीसीए के अध्यक्ष पद की कुर्सी खाली है। तिहारा ने कहा, 'दिल्ली क्रिकेट की सेवा करने के लिए उनका (गंभीर) स्वागत है, लेकिन वो इस पद पर तभी बैठ सकते हैं, जब सांसद का पद छोड़ दें।' इसके अलावा तिहारा ने साथ ही कहा कि सोमवार को जो कुछ हुआ, उसके लिए दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के अंदर दोषी लोगों को सजा दी जाएगी। रविवार को हुई बैठक के दौरान हाथापाई भी हुई और सत्तारूढ़ गुट के संयुक्त सचिव राजन मनचंदा को विरोधी गुट के मकसूद आलम ने तमाचा भी लगाया। भाजपा सांसद गंभीर ने एजीएम के दौरान घटी घटना को शर्मनाक करार दिया। गंभीर ने ट्वीट किया, 'डीडीसीए ने शर्मनाक तरीके से सारी हदें पार की। देखिए किस तरह से कुछ असामाजिक तत्व एक संस्थान को मजाक बना रहे हैं। मैं बीसीसीआई, सौरव गांगुली, जय शाह से डीडीसीए को तुरंत भंग करने का आग्रह करता हूं। निश्चित तौर पर इस घटना में शामिल लोगों के लिये सजा या आजीवन प्रतिबंध लगना चाहिए।'