जिलापंचायत सदस्य उमा राठिया ने सीएम के समक्ष बीजेपी में किया प्रवेश
बरगढ़खोला क्षेत्र में आधार स्तम्भ माने जाते है राठिया परिवार, ओपी के संबोधन से हुए प्रभावित.
रायगढ़. जिला पंचायत सदस्य रायगढ़ और पूर्व जनपद अध्यक्ष खरसिया की श्रीमती उमा राठिया ने सोमवार को प्रदेश के मुखिया डॉ रमन सिंह के समक्ष बीजेपी में प्रवेश किया है। राठिया परिवार बरगढ़खोला क्षेत्र के आधार स्तंभ माने जाते हैं।
सोमवार का दिन खरसिया विधानसभा के लिए अच्छादिन रहा , क्योंकि बर्रा गांव रायगढ़ जिला पंचायत सदस्य व पूर्व जनपद अध्यक्ष खरसिया की उमा राठिया ने सीएम डॉ रमन सिंह के समक्ष बीजेपी में शामिल हुई। बताया जा रहा है कि उमा राठिया के परिवार की बहु, ससुर व भैया पूर्व कांग्रेस के सदस्य रह चुके है।बरगढ़खोला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। बीते कई सालों से उस क्षेत्र का विकास तक नही हुआ है।आदिवासी क्षेत्र होने के कारण वह क्षेत्र अब भी विकास से कोसो दूर है, लेकिन जब इस क्षेत्र में जनसंपर्क के लिए युवा नेता ओपी चौधरी पहुंचे तो उंन्होने बरगढ़खोला क्षेत्र के विकास करने का वादा किया है। जिससे इस क्षेत्र के लोगो को उन पर काफ़ी विस्वास जताते हुए उन्हें समर्थन देने की बात कही। इस संबंध में बीजेपी प्रवेश करने वाली जनपद सदस्य से पुछने पर बताया कि युवा नेता ओपी चौधरी बर्रा गांव में सामाजिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे।जहां ओपी चौधरी ने अपने उद्बोधन में बरगढ़खोला क्षेत्र का विकास करने और अन्य बात कही थी। ओपी 23 साल की बची हुई सरकारी नौकरी छोड़कर आए है और हमे विस्वास है कि अब इस क्षेत्र का विकास होगा, यही नही उंन्होने आदिवासी समाज को आगे बढाने में हर संभव प्रयास करने की भी बात कही है तो क्यो ना लंबे समय से चली आ रही रूढ़िवादी को खत्म किया जाए और जो विकास करने आए है उनका साथ देकर अपने बरगढ़खोला क्षेत्र का विकास करने में उनका साथ दे।
बरगढ़खोला माना जाता है कांग्रेस का गढ़
बरगढ़खोला कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। वहीं उमा राठिया के बीजेपी में आने से समाज केऔर लोगों की मानसिकता बदलेगी और वो भी विकास का साथ देगे। बताया जा रहा कि बरगढ़खोला क्षेत्र को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है लेकिन अब ओपी के जनसम्पर्क के बाद यहां भी बदलाव नजर आ रहा है।
राजनीति में लाने ससुर की अहम भूमिका
बीजेपी में शामिल होने वाली उमादेवी राठिया का राजनीति जीवन काफी सफलता भरा रहा।उमा के राजनिति में आने में उनके ससुर रघुवर सिंह राठिया का अहम भूमिका है।
उमा देवी राठिया को राजनीति में लाने में उनके ससुर रघुवर सिंह राठिया का अहम भूमिका है।बताया जा रहा है कि करीब 9 बार लगातार अपने गाँव बर्रा में सरपंच रही है।उनकी अच्छी छवि के कारण उमा देवी को राजनीति में साफ सुथरी छवि के रूप में देखा जाने लगा।वर्ष 1988 में विधानसभा के बाद जब 92 -93 के लोकसभा में तिवारी कांग्रेस से कद्दावर प्रत्याशी के रूप में जब अपना नामांकन पुष्पा देवी सिंह (राजकुमारी सारंगढ़ )के विरूद्ध भरा तब से उमादेवी को राजनीति में एक सक्रिय महिलानेत्री के रूप में देखा गया उसके बाद 2 पंच वर्षीय सरपँच के रूप में पूरा किया फिर 1 पंच वर्षीय कार्यकाल जनपद अध्यक्ष् खरसिया रही उसके बाद वर्तमान में सफल जिला पंचायत सदस्य हैं ।ऐसे में एक सफल राजनिति की पारी खेलने और साफ छवि के कारण उस एरिया के लोग उनका मानते भी है।