भाजपा की सरकार को अंगद का पांव कहना छत्तीसगढ़ का अपमान
रायपुर, अमित शाह द्वारा भाजपा सरकार को अंगद का पांव कहने को समूचे छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ की जनता का अपमान निरूपित करते हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष डॉ. चरणदास मंहत, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष धनेन्द्र साहू, पूर्व नेता सत्यनारायण शर्मा, और राज्यसभा सदस्या छाया वर्मा ने कहा है कि अंगद ने तो रावण की लंका में रावण के दरबार में अपना पांव रखा था। रमन सरकार को अंगद का पांव कह कर अमित शाह ने सीधे-सीधे छत्तीसगढ़ को रावण की लंका कहकर छत्तीसगढ़ की भोली-भाली जनता का अपमान करते हुये राक्षसों की संज्ञा दी है। छत्तीसगढ़ तो भगवान राम की माता कौशल्या की धरती है। इसे लंका कहकर अमित शाह ने छत्तीसगढ़ का अपमान किया है। कांग्रेस नेताओं ने मांग की है कि अमित शाह छत्तीसगढ़ की जनता से क्षमा याचना करें।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा कांग्रेस पर माओवाद को लेकर आरोप लगाने का कड़ा प्रतिवाद करते हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष डॉ. चरणदास मंहत, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष धनेन्द्र साहू, पूर्व नेता सत्यनारायण शर्मा, और राज्यसभा सदस्या छाया वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में माओवाद के विस्तार के लिए केवल और केवल भाजपा सरकार और उसकी गलत नीतियां उत्तरदाई हैं। 2003 में बस्तर के सीमावर्ती 3 ब्लॉकों तक सीमित माओवाद ने बढ़ते-बढ़ते आज छत्तीसगढ़ के 14 जिलों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष डॉ. चरणदास मंहत, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष धनेन्द्र साहू, पूर्व नेता सत्यनारायण शर्मा, और राज्यसभा सदस्या छाया वर्मा ने कहा है कि माओवादियों से सांठगांठ तो भाजपा की है जिस के शासनकाल में माओवाद का इतना विस्तार हुआ है। भाजपा की माओवादियों के साथ सांठ-गांठ तो जीरम हमले में उजागर हो गयी थी। 2013 में चुनाव के ठीक पहले जीरम के हमले, जिसमें कांग्रेस के नेता शहीद विद्याचरण शुक्ल, शहीद नंदकुमार पटेल, शहीद महेंद्र कर्मा, शहीद उदय मुदलियार, शहीद दिनेश पटेल, शहीद योगेंद्र शर्मा, शहीद अभिषेक गोलछा, शहीद गोपी माधवानी मारे गये। जीरमघाटी के ठीक उसी जगह रमन सिंह सरकार द्वारा जानबूझकर उसी स्थान में सुरक्षा नहीं दी गयी। जहां कांगेस की परिवर्तन यात्रा में हमला हुआ था।