October 27, 2024

कांशीराम जी के 12 वी महापरिनिर्वाण दिवस पर दी गई श्रद्धांजलि, उनके बताये मंत्र सत्ता के लिए भीख नहीं, सौदेबाजी करना सीखो

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रायपुर।बीते दिनों  राजधानी में 09 अक्टूबर को राजेंद्रनगर स्थित सतनाम भवन में बहुजन नायक मान्यवर कांशीराम साहब की 12 वी महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर याद किया गया। रायपुर ज़िला बहुजन समाज पार्टी इकाई के सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं की उपस्थित रही । बामसेफ, डीएस4 व बसपा के संस्थापक कांशीराम के 12 वे महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर जिला अध्यक्ष ने कहा कि 13 अक्टूबर की रैली में अधिक से अधिक बहुजन समाज लोग को लेकर जाने व छत्तीसगढ़ लक्ष्य पूरा करने का संकल्प लिया गया।श्रद्धांजलि सभा में डॉ प्रदीप कुमार, बसंत कोसरे, संजय गजभिये, केडी टंडन, संतोष मारकंडेय, उमेश मानिकपुरी, सदानंद मार्कंडेय, विजय शेंडे सहित बसपा के जिला स्तरीय कार्यकर्ता शामिल थे। सभा मे मान्यवर कांशीराम साहब तेरी नेक कमाई , तुमने सोती कौम जगाई के नारों से जयकारा लगते रहा । डॉ प्रदीप ने कहा कि बहुजन समाज को उनके पुण्यतिथि पर संकल्प लेने की सक्त जरूरत है । चुनाव जीतने के लिए मिशन के प्रति ईमानदार, दमदार नेतृत्व होना चाहिए। अब समय आ गया है छत्तीसगढ विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस व बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने कार्यकर्ता जी जान से जुट जाएं। साहब के बताए रास्ते पर चलना ही सच्चे विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करना होगा । पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और कांशीराम जी के संबंध काफी अच्छे  रहे है जिसका असर भी गठबंधन के रूप में नया नेत्रत्व छत्तीसगढ़ वासियों के लिए  होगा

कांशीराम ने कहा था भीख नहीं, सौदेबाजी करना सीखो :
बसपा सुप्रीमो कांशी राम अपने राजनीतिक जीवन के शुरुआती वर्षों में रिपब्लिकन पार्टी आॅफ इंडिया में थे। पर उन्होंने जल्द ही उस दल को छोड़ दिया। कांशी राम ने इस संबंध में 1987 में कहा था कि ‘मैंने आरपीआई से नाता इसलिए तोड़ लिया क्योंकि यह पार्टी अन्य दलों से सौदेबाजी के बजाय भीख मांगा करती थी.’
‘एक दिन पूरे देश पर राज करने’ का सपना पाल रहे कांशी राम को यह मंजूर नहीं था. वे चाहते थे कि हमें बेगिंग यानी भीख मांगने के बदले बारगेन यानी सौदेबाजी करनी चाहिए. कांशी राम के अनुसार 1971 के लोकसभा चुनाव में आरपीआई ने कांग्रेस से सीटों का तालमेल किया था. पर इस तालमेल में कांग्रेस ने आरपीआई को सिर्फ एक सीट दी थी।

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