समाज कल्याण विभाग द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला
राज्य सेवा के नवनियुक्त अधिकारियों ने आंख में पट्टी बांधकर और व्हीलचेयर पर बैठकर दिव्यांगजनों की समस्या को महसूस किया
रायपुर, समाज कल्याण विभाग द्वारा आज निमोरा स्थित छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी में एक दिवसीय संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में राज्य सेवा में चयनित अधिकारियों ने आंख में पट्टी बांधकर और व्हीलचेयर पर बैठने के जीवंत प्रयोग के माध्यम से दिव्यांगजनों की समस्याओं को समझा। इस दौरान सभी प्रतिभागी तृतीय लिंग समुदाय से आए व्यक्तियों से रूबरू हुए और उनके बारे में जानकारी ली। स्वयंसेवी संस्था ‘हेल्पेज इंडिया’ ने बुजुर्गों के लिए भरण-पोषण अधिनियम पर आधारित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। दिल्ली से आयी सुगम्य भारत अभियान की सलाहकार सुश्री अंजली अग्रवाल ने सरकारी इमारतों और सार्वजनिक स्थानों के साथ-साथ घरों और पूरे परिवेश को सुगम्य बनाए जाने पर अपनी बात रखी। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के अनुसार दिव्यांगता के 21 प्रकारों के बारे में निजी स्वयंसेवी संस्था ‘समर्थ’ द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया।
कार्यशाला में प्रशिक्षणार्थियों को वृद्धजनों, दिव्यांगजनों और तृतीय लिंग समुदाय के लिए की जा रही पहल और कानूनी प्रावधानों के बारे में बताया गया। समाज कल्याण विभाग के संचालक डॉ. संजय अलंग ने कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए सभी प्रशिक्षणार्थियों से अपील की कि वे विभाग की इस पहल को सफल बनाने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि राज्य सेवा के अधिकारी के तौर पर आप सभी अलग-अलग स्थानों पर पदस्थ रहेंगे। इस दौरान वृद्धजनों, दिव्यांगजनों और तृतीय लिंग समुदाय से संबंधित कई मामले आपके सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला के बाद निश्चित रूप से उनका नजरिया बदलेगा। विभाग के विशेष सचिव श्री आर. प्रसन्ना ने समाज कल्याण विभाग के कार्यक्षेत्र के बारे में अपना वक्तव्य दिया।
कार्यशाला के अंत में छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी की महानिदेशक श्रीमती रेणु पिल्लई ने कार्यशाला को उपयोगी और सार्थक बताते हुए कहा कि उन्हें आशा है कि सभी प्रशिक्षु अधिकारी अपने कार्यक्षेत्र में वृद्धजनों, दिव्यांगजनों और तृतीय लिंग समुदाय के लिए और अधिक संवेदनशीलता से कार्य करेंगे। सभी प्रतिभागियों ने कार्यशाला में उत्सुकता से भाग लिया और समाज कल्याण विभाग की इस पहल की सराहना की। सभी प्रतिभागियों ने कहा कि यह कार्यशाला उनके लिए अत्यंत उपयोगी है और निश्चित ही अपने कार्यक्षेत्र में उन्हें अधिक संवेदनशीलता से कार्य करने में मदद मिलेगी।