जिले के कंडा में मृत किशोरी निकली झारखंड की,पलामू जिला स्थित छत्तरपुर के ग्राम अमवा उदयपुर से हुई थी किडनेप
रामानुजगंज/ बलरामपुर-रामानुजगं
19 मई की देर शाम कट्टे की नोंक पर शिक्षक ने अपने भांजे के साथ मिलकर उसका घर से अपहरण कर लिया था। किशोरी के अपहरण की रिपोर्ट छत्तरपुर थाने में दर्ज कराई गई थी। आरोपी व किशोरी के पिता एक साथ एक ही स्कूल में पारा शिक्षक के रूप में पदस्थ हैं। व्हाट्सएप के जरिए खबर झारखंड में किशोरी के परिजनों तक पहुंची थीं।
इसके बाद मंगलवार की सुबह सभी पुलिस के साथ अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे तथा कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद किशोरी का शव साथ ले गए। पुलिस आरोपियों की खोजबीन में जुटी है। जिले के पस्ता थानांतर्गत ग्राम कंडा के नगेशियापारा जंगल में १४ जुलाई 2018 की देर शाम एक अज्ञात लड़की की लाश मिली थी। लड़की की हत्या कनपट्टी में गोली मारकर की गई थी। पुलिस ने उसकी शिनाख्ती के काफी प्रयास किए थे लेकिन उसकी पहचान नहीं हो सकी थी। पुलिस ने पीएम के बाद उसका शव अंबिकापुर स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सुरक्षित रखवा दिया था। लाश मिलने के सप्ताहभर बाद भी मृतिका की पहचान नहीं होने पर बलरापुर एसपी ने सुराग देने वालों के लिए इनाम की भी घोषणा की थी। इसी बीच व्हाट्सएप के माध्यम से मृतिका के रिश्तेदारों तक यह बात पहुंची तो उन्होंने फोटो देखकर उसकी पहचान की। किशोरी झारखंड के पलामू जिला स्थित छत्तरपुर के ग्राम अमवा,उदयपुर निवासी सगुफ्ता परवीन पिता अकबर हुसैन 15 वर्ष की थी। इसके बाद किशोरी के माता-पिता छत्तरपुर पुलिस,क्राइम ब्रांच व पस्ता पुलिस के साथ अंबिकापुर पहुंचे। उन्होंने पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज कराया। इसके बाद वे मृतिका शव अपने साथ ले गए। मृतिका के परिजन ने अपने बयान में पुलिस को बताया कि 19 मई की शाम करीब 7 बजे घर के सभी सदस्य फस्र्ट प्लोर पर थे, जबकि सगुफ्ता अन्य बच्चों के साथ नीचे थी। इसी बीच गांव के पास ही रहने वाला भोला साव 36 वर्ष अपने भांजे धर्मेंद्र कुमार के साथ बाइक पर आया और कट्टे की नोंक पर उसका अपहरण कर लिया। सगुफ्ता के चिल्लाने की आवाज सुनकर सब जब नीचे आए तो दोनों बाइक में बैठाकर ले जा रहे थे। इस दौरान उन्होंने दोनों की पहचान की। फिर 20 मई को उन्होंने छत्तरपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने धारा 366, 120 बी व 506 के तहत अपराध दर्ज कर उनकी खोजबीन में जुटी थी। मृतिका के पिता ने बताया कि आरोपी भोला साव और वह एजीएस विद्यालय अमवाडीह में पारा शिक्षक के रूप में पदस्थ हैं। इस कारण उससे उनकी अच्छी पहचान थी। भोला का उसके घर आना-जाना भी था। उससे उनका कोई विवाद भी नहीं था। उन्होंने बताया कि अपहरण के कुछ दिन बाद आरोपियों ने सगुफ्ता के मोबाइल से मैसेज भी भिजवाया था कि वह अपनी मर्जी से घर से भागी है। इसके बाद गांव में तनाव की स्थिति भी निर्मित हुई थी। काफी समझाइश के बाद मामला शांत हुआ था। बलरामपुर पुलिस ने मृतिका की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल की थी। इसी बीच मृतिका के रिश्तेदार झारखंड विकास मोर्चा के नगर अध्यक्ष नसरुल्ला खान की पत्नी ने व्हाट्सएप पर यह मैसेज देख उसकी पहचान की। उसने यह जानकारी अपने पति को दी। इसके बाद मृतिका के परिजन को इसका पता चला। फिर ने छत्तरपुर थाने के एएसआई अंबिका राम,क्राइम ब्रांच के रवि मिश्रा,इनायतुल्ला खान व मायापति सिंह तथा पस्ता पुलिस के साथ अंबिकापुर पहुंचे। पुलिस आरोपियों की सरगर्मी से तलाश कर रही है। आरोपियों ने मृतिका का अपहरण किस कारण किया, इसका खुलासा उनके पकड़े जाने के बाद ही होगा। सवाल यह भी उठता है कि अपहरण करने के बाद 55 दिनों तक उन्होंने किशोरी को कहां रखा। बताया जा रहा है कि अपहरण के बाद आरोपियों का लोकेशन एक बार झारखंड के ग्राम नवडीहा में मिला था। इसके बाद से उनका मोबाइल स्वीच ऑफ आ रहा था।