October 23, 2024

मनरेगा मजदूरों को समय पर नही मिल रही है रोजी-रोटी:भगवानू

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रायपुर/ जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश प्रवक्ता भगवानू नायक ने छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ के लगभग 10,30,000 मनरेगा मजदूरों को टिफिन बाॅटने की मुख्यमंत्री मनरेगा टिफिन योजना पर सवाल खड़ा करते हुये कहा सरकार की यह कैसी योजना है ? मजदूरों को पहले मनरेगा की मजदूरी समय पर नही दे रहे है जिससे लाखों गरीब मजदूर पलायन को मजबूर है। अब चुनाव को करीब आते देख खाली टिफिन बांटने की योजना लाकर सरकार मजदूरों के आॅखों में धूल झोंकना चाहती है लेकिन छत्तीसगढ़ के गरीब मजदूर भाजपा की चाल और अच्छी तरह जान चुके है।
मनरेगा योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने तथा उनको आर्थिक रूप से संबल बनाने के लिए लाई गई एक महत्वकांक्षी योजना है। जिसमें गरीबों को अपने घर के 5 किलोमीटर के दायरे पर प्रत्येक वित्तीय वर्ष पर सौ दिन के रोजगार देने की गारंटी देता है। परन्तु यह योजना आज भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है, छत्तीसगढ़ के मजदूरों को समय पर न रोजी मिल रही है और न ही मजदूरी वही फर्जी मस्टररोल और फर्जी मजदूरों के नामों पर लाखों, करोड़ों रूपए भ्रष्टाचार के मामले प्रदेश भर सुर्खिया बटोर रहें। मनरेगा में गड़बड़ी के अनेक शिकायतें ग्रामीण एवं विकास मंत्रालय दिल्ली व लोकपाल में दर्ज है फिर भी हालत जस के तस बने हुये है। जांजगीर जिले में तो कागजों में तालाब खुदाई कर मनरेगा के नाम से लाखों रूपये निकाल लिए गए हाल ही में रायपुर जिला के अंतर्गत ग्राम घोंट पंचायत में मनरेगा योजना के 50 लाख रूपया के दो तालाब निर्माण, सामुदायिक डबरी और गहरीकरण के कार्य हुए है जिसमें लगभग 400 मजदूरों ने काम किया है लेकिन महीनों बाद भी 100 से भी अधिक मजदूरों को उनकी मजदूरी नही मिली है। बल्कि जिन्होने मजदूरी नही कि उनकी खातों में आनलाईन राशि जमा हो गई है, ऐसे हालात प्रदेश भर में बने हुए है।
सरकार कल्याणकारी योजनाओं के ऊपर योजनाएं लाती है पर धरातल में क्रियान्वयन नही होने से जनता का कल्याण तो नही होता बल्कि अधिकारी कर्मचारियों और सरकार से जुड़े लोगों का कल्याण अवश्य हो जाता है। परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ के लाखों मजदूर पलायन करने को मजबूर है, राज्य के मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह जी को आत्मचिंतन करनी चाहिए कि सरकार के तमाम योजनाओं के बावजूद आज पलायन क्यूं नही थम रहा है ?
नायक ने कहा अच्छा होता यदि सरकार मजदूरों को टिफिन देने के बजाय उनको समय पर रोजगार देती समय पर उनके पसीने की कमाई देती तो उन्हे खाली पेट सोना नही पड़ता, अपना गांव, घर आंगन और अपना प्रदेश छोड़ कर बाहर जाना नही पड़ता।

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