मनमानी :लाइवलीहुड कॉलेज बलरामपुर का मामला , प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को दिया झाड़ू पोछे का काम
पृथ्वीलाल केशरी
रामानुजगंज/ जिले के लाइवलीहुड कॉलेज बलरामपुर से टू व थ्री व्हीलर का प्रशिक्षण लेने के बाद प्लेसमेंट के नाम पर युवाओं को ठगा जा रहा है। ख्यात कंपनी में प्लेसमेंट के नाम पर 10 युवाओं को गुजरात ले जाकर अलग-अलग कंपनियों में झाड़ू-पोछा कराया गया। कंपनी से जुड़े लोगों का व्यवहार ऐसा था कि एक दिन भी रुक पाना मुश्किल था। ऐसे में आठ युवा बगैर किसी को जानकारी दिए वहाँ से वापस लौट आए और आप बीती सुनाने सीधे सरगुजा कलेक्टर किरण कौशल के पास पहुंच गए। युवाओं ने कहा कि प्रशिक्षण व प्लेसमेंट के नाम पर उन्हें जो कड़वा अनुभव हुआ,ऐसी परिस्थिति किसी दूसरे युवाओं के समक्ष उत्पन्न न हो,ऐसी व्यवस्था कराई जाए। कलेक्टर ने बलरामपुर कलेक्टर को वस्तुस्थिति से अवगत कराने का आश्वासन देते हुए युवाओं को हर सम्भव सहयोग करने की बात कही। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले मे कौशल उन्नयन से स्वरोजगार और आर्थिक स्वावलंबन के नाम पर सरकारी तंत्र किस तरह आदिवासी युवाओं के साथ छल कर रहा है। जिसका उदाहरण प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं ने खुद आप बीती बताते हुए कहा कि प्रशिक्षण के बाद नौकरी के नाम पर गुजरात ले जा कर घर से दूर कामकाज के सिलसिले में निकले युवाओं को एक रुपये का मेहनताना नहीं मिला,बल्कि उनके स्वाभिमान,आत्मसम्मान को ठेंस पहुंचाने के साथ ऐसा कार्य कराया गया जिसकी उन्होंने कभी कल्पना नहीं की थी। आने-जाने में इन युवाओं ने 10 हजार रुपये से अधिक खर्च हो चुका है। जिला मुख्यालय बलरामपुर में लाइवलीहुड कॉलेज संचालित किया जा रहा है। कॉलेज में विभिन्न विधाओं का प्रशिक्षण देकर युवाओं का कौशल उन्नयन कर प्लेसमेंट की दलील दी जा रही है, लेकिन इस व्यवस्था के नाम पर युवाओं को छला जा रहा है।महाराजगंज के जगतू,भंवरमाल के अमरदयाल,लुरगीखुर्द के शिवनारायण,पेंडारी के राकेश मरकाम,धंजी के संजीव तिर्की,मड़वा के अमित पन्ना,इदरीकला के सीबन राम, महाराजगंज के राजाराम व बादा के त्रिलोक सिंह को लाइवलीहुड कॉलेज बलरामपुर में 04 अप्रैल 2018 से 60 दिनों का टू व थ्री व्हीलर का प्रशिक्षण दिया जा रहा था। प्रशिक्षण के बाद प्लेसमेंट के नाम पर गुजरात ले जा कर झाड़ू-पोछा के काम में लगाकर जिम्मेदार कर्मचारी वापस लौट आए थे। युवाओं ने बताया कि बलरामपुर लाइवलीहुड कॉलेज में सिलाई की ट्रेनिंग देने वाले कथित ट्रेनर द्वारा प्लेसमेंट के नाम पर उन्हें पहले गुजरात के बिटलापुर स्थित एक कारखाने में ले जाकर छोड़ दिया था। यहां दोपहिया वाहनों के पार्ट्स बनते हैं। चार दिन यहां उनसे झाड़ू-पोछा कराया गया। बाद में छह युवाओं को चले जाने का फरमान सुना चार को साफ-सफाई के काम में रखने की जानकारी दी। ऐसे में युवा वहां से निकल गए,तब कथित ट्रेनर ने गुजरात के ही छकरालचौकले नामक स्थान पर ले गया, जहां बेयरिंग निर्माण होता है। तीन दिन युवा यहां भी रुके। बाद में कंपनी द्वारा सिर्फ तीन युवाओं को झाड़ूपोछा के लिए रखने सहमति दी। सात को चले जाने कहा गया। स्थाई रूप से प्लेसमेंट का कोई जुगाड़ नहीं होने पर आठ युवा किसी तरीके से सीधे अंबिकापुर लौट आए। वर्तमान में उसी बेयरिंग कंपनी में राजाराम व त्रिलोक सिंह फंसे हुवेे हैं।