November 23, 2024

कौशल उन्नयन ने युवाओं को बनाया हुनरमंद : ढाई सौ रूपए की मजदूरी करने वाले कमा रहे चार सौ रूपए प्रतिदिन

0

विश्व युवा कौशल दिवस पर युवाओं ने गिनाई योजना की उपलब्धि

रायपुर,राज्य के युवाओं को छोटे व्यवसायों और स्थानीय जरूरतों के अनुसार रोजगार से जोड़ने के लिए संचालित की जा रही कौशल विकास योजना से युवाओं के लिए रोजगार के कई नए रास्ते खुल रहे हैं। टाइल्स लगाने का काम सीखने वाले युवा अब ढाई सौ की जगह चार सौ से पांच सौ रूपए की दैनिक मजदूरी कमा रहे हैं। योजना के तहत प्रदेश में राजमिस्त्री, वेल्डिंग , फर्नीचर निर्माण, नर्सिंग, अग्निशमन, विद्युत उपकरणों की मरम्मत, टाइल्स, रेडिमेड जैसे कई क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने इन युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाताओं से जोड़ा है। इस योजना ने प्रदेश के लाखों युवाओं को हुनरमंद बनाकर उनमें नया आत्मविश्वास जगाया है। आज राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में विश्व युवा कौशल दिवस पर आयोजित छत्तीसगढ़ कौशल ओलंपियाड 2018 में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए युवा आत्मविश्वास से भरे हुए और अपने भविष्य को लेकर आश्वस्त दिख रहे थे।
सरगुजा संभाग के जशपुर जिले जिले के चार युवक धर्मेंद्र केरकेट्टा, केविन बरवा, आशीष कुमार नागवंशी और दिलीप टोप्पो ने तपकरा स्थित श्रीमती सविता मिश्रा शिक्षण समिति से फायर सेफ्टी का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। सरगुजा संभाग के स्टाल में ये युवा फायर सेफ्टी उपकरणों के साथ उपस्थित थे। इन युवाओं ने बड़े उत्साह से बताया कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के ललितपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनका इंटरव्यू लिया गया है और उन्हें वहां बजाज पावर प्लांट में जल्द काम मिल जाएगा। फायर सेफ्टी के काम में उन्हें हर महीने लगभग 16 हजार 500 रुपए का वेतन मिलेगा।
धमतरी जिले के कुरूद पेस फाउंडेशन से टाइल्स जुड़ाई का काम सीखने वाले ओमप्रकाश ने बताया कि अब उन्हें काम के अनुसार 400 से 500 रुपए तक दैनिक मजदूरी मिलने लगी है, पहले उन्हें लगभग ढाई सौ रुपए की मजदूरी प्रतिदिन मिलती थी। इसी फाउंडेशन से पवन कुमार ने ईंट जुड़ाई का काम सीखा है, उन्होंने बताया कि उनकी मजदूरी भी अब बढ़ गई है। उन्हें प्रतिदिन 300 से 400 रुपए दैनिक मजदूरी मिल रही है। छत्तीसगढ़ कौशल ओलंपियाड में इन दोनों युवाओं को अपने-अपने ट्रेड में हुई इस स्पर्धा में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है, इन्हें पुरस्कार के रूप में पंद्रह हजार रुपए की राशि और प्रशस्ति पत्र देकर मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में सम्मानित किया। राजनांदगांव जिले के रहने वाले ये युवा बी.एस.सी. प्रथम वर्ष के छात्र हैं, इन्होंने बड़े उत्साह के साथ बताया कि कि पढ़ाई के साथ वे मजदूरी भी कर रहे हैं। कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण मिलने के बाद उनकी आमदनी बढ़ गई है। व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदाता एस.आई.एस. गरियाबंद से सिक्युरिटी गार्ड का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके युवाओं पुनाराम साहू ,दुष्यंत कुमार साहू और खोमन लाल साहू ने बताया कि उन्होंने 30 दिन का सिक्युरिटी गार्ड का प्रशिक्षण पूरा कर लिया है अब उन्हें मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में चौदह से सोलह हजार रुपए तक वेतन मिलेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *