‘दत्तक ग्रहण कार्यक्रम’ के क़ानूनी प्रावधानों पर हुई विस्तार से चर्चा

रायपुर ,महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू ने आज यहाँ नवीन विश्राम गृह में ‘दत्तक ग्रहण कार्यक्रम ” पर आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का शुभारम्भ किया. इस कार्यशाला का आयोजन  केन्द्रीय दत्तक-ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा )और राज्य दत्तक-ग्रहण संसाधन प्राधिकरण(सारा) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था .श्रीमती रमशीला साहू ने कार्यशाला में आए प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि हर बच्चे का हक़ है कि उसे अपना घर और परिवार मिले. लेकिन कई बार परिस्थितिवश बच्चे इस अधिकार से वंचित रह जाते हैं और बच्चों का यह अधिकार दिलाना हमारा कर्तव्य है .उन्होंने कहा कि ‘दत्तक ग्रहण कार्यक्रम’ ज़रूरतमंद ,परित्यक्त और अनाथ बच्चों को उनका खुद का घर दिलाने और उन्हें बेहतर पारिवारिक माहौल देकर विकास करने का अवसर देने के पुण्य उद्देश्य को लेकर संचालित किया जा रहा है.यह  एक गंभीर और संवेदनशील विषय है इसलिए इसकी बारीकियों को समझना बहुत ज़रूरी है. उन्होंने कहा कि वे प्रतिभागियों से यही आशा करती हैं कि वे इस कार्यशाला में बताई जा रहे क़ानूनी प्रावधानों को पूरी सजगता के साथ सुनेंगे और समझेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य शासन बच्चों का सर्वोत्तम हित सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है इसलिए  संकटग्रस्त, परित्यक्त  और अनाथ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बालगृह संचालित तो किए जा रहे हैं लेकिन उन्हें अधिक प्रसन्नता होगी अगर इन बच्चों को ‘दत्तक ग्रहण कार्यक्रम’ का लाभ दिलाकर अपना परिवार मिल सके. महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव डॉ एम गीता ने ‘दत्तक ग्रहण कार्यक्रम’ कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में विस्तार से चर्चा की और कहा कि दत्तक ग्रहण की जटिलताओं को दूर करने के उद्देश्य से यह कार्यशाला आयोजित की गयी है इसलिए सभी प्रतिभागी खुलकर प्रश्न करें ताकि इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ बच्चों को मिल सके. कार्यशाला में दिल्ली से आए केन्द्रीय दत्तक-ग्रहण संसाधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री दीपक कुमार द्वारा प्रतिभागियों को ‘दत्तक ग्रहण कार्यक्रम’  से जुड़े क़ानूनी प्रावधानों जैसे किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत दत्तक ग्रहण और एडॉप्शन रेगुलेशन 2017 के प्रावधानों बारे में विस्तार से बताया गया. वहीँ दत्तक ग्रहण के परामर्श विशेषज्ञ श्री इआन आनंद फॉरबर ने काउंसलिंग तकनीकों और व्यवहार परिवर्तन पर अपनी बात कही और प्रतिभागियों के प्रश्नों का समाधान किया. केन्द्रीय दत्तक-ग्रहण संसाधन प्राधिकरण की काउंसलर श्रीमती मिनी जॉर्ज ने दत्तक ग्रहण कार्यक्रम में  जिला बाल कल्याण समिति , जिला बाल संरक्षण इकाई, विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरणों और राज्य दत्तक-ग्रहण संसाधन प्राधिकरण की भूमिका पर प्रकाश डाला. कार्यशाला में अंतर्राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण,क़ानूनी प्रक्रियाएं, विशेष जरूरतों या शारीरिक या मानसिक तौर पर अक्षम बच्चों के  दत्तक ग्रहण के बारें में विस्तार से चर्चा की गयी.कार्यशाला में राज्य दत्तक-ग्रहण संसाधन प्राधिकरण और छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण समिति के  पदाधिकारियों, सहित प्रदेश के सभी जिलों से जिला बाल कल्याण समिति के प्रतिनधि, विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरणों और बालगृहों के अधीक्षक,परामर्शदाता , जिला बाल संरक्षण अधिकारी,  स्वयं  सेवी संस्थाओं से संरक्षण अधिकारी शामिल हुए .