जिले में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कहा राजयोग से बनेगा जीवन सम्पन्न और खुशनुमा-ब्रह्माकुमारीज
रामानुजगंज(पृथ्वीलाल केशरी,ब्रह्माकुमारी आशा बहन,भिलाई
अर्न्तराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग महोत्सव का आयोजन बलरामपुर, 20 जून 2018- हमें सिर्फ योग सीखना नहीं है, सिर्फ योग करना नहीं है बल्कि योग को जीवन का अंग बनाते हुए अपने जीवन को योगी जीवन बनाना है। ब्रह्माकुमारीज द्वारा सीखाया जाने वाला राजयोग एक ऐसा माध्यम है जिससे हमारी सोच सकारात्मक हो जाती है और दुनिया की अनेक बाधाओं, समस्याओं और विपरीत परिस्थिति में रहते भी हमारा जीवन सुख और शांति से सम्पन्न रहता है।
उक्त विचार भिलाई से पधारी प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका एवं सेवा प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी आाशा दीदी जी ने अर्न्तराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बलरामपुर में आयोजित योग महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किया। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए आगे कहा कि आज मनुष्यों का जीवन भौतिक सुख सुविधाओं के साधनों से सम्पन्न होता जा रहा परन्तु साथ में दुःख, चिंता, तनाव और निराशा भी जीवन में बढ़ता जा रहा है जिसके फलस्वरूप आत्महत्या जैसी घटनाओं के आंकड़े भी तेजी से बढ़ रहे है। भैतिक रूप से सम्मन्न होते हुए भ्ी मनुष्य खुशी, शांति और सुख की कमी जीवन में महसूस कर रहा है और ये चीजे आध्यात्मिक के द्वारा ही हमारे जीवन में आ सकती है। आध्यात्मिकता का अर्थ परमात्म प्रदत राजयोग को जीवन में धारण करना है। उन्होनें योग महोत्सव के अर्न्तगत आयोजित राजयोग अनुभूति शिविर का लाभ लेने के लिए सभी को प्रेरणा दी।
बिलासपुर से पधारी तनाव प्रंबंधन विशेषज्ञ एवं राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी डॉ0 संगीता बहन ने कहा कि आज योग, आसन एवं प्रणायाम तक ही सीमित रह गया है जबकि योग का संबंध आध्यात्मिकता से है। दुनिया में जितने प्रकार के योग है उनमें सर्वश्रेष्ठ है राजयोग। राजयोग अर्थात् स्वयं के वास्तविक स्वरूप में स्थित होकर परमात्मा के साथ अपना संबंध जोड़ना। जब हम स्वयं को शरीर से अलग एक आत्माा का अनुभव करते है तो आत्मा के भीतर निहित शक्तियां और गुण जागृत होने लगते हैं और परमात्मा को भी उनके गुणों एंव वास्तविक स्वरूप के आधार जानकर उनसे संबंध जोड़ते हैं तो परमात्म शक्तियां हमारे अंदर आने लगती है। इससे हम गुणों और शक्तियों से भरपुर होते है जिससे स्वतः ही जीवन की हर परिस्थिति में सच्ची शांति खुशी, आनन्द का अनुभव करते ऐसे ही सकारात्मक प्रकम्पन्न सम्पूर्ण विश्व में
फैलाते हैं। इस अवसर पर पूर्व सिविल सर्जन डॉ0 सुषमा सिन्हा ने भी राजयोग के द्वारा अपने जीवन में आये सुंदर परिवर्तन का अनुभव सुनाते हुए सभी से राजयोग सिखने की अपिल की। ब्रह्माकुमारीज अंबिकापुर सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या बहन ने कहा कि आज समाज में बिमारियां भी बहुत बढ़ गयी है, आज 85 प्रतिशत् बिमारियो का मूल कारण मानसिक तनाव है। राजयोग द्वारा हम अपने मानसिक तनाव को समाप्त कर बिमारियों से मुक्त हो सकते है और एक स्वस्थ और सफल जीवन व्यतित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि योग महोत्सव की इस कड़ी में बलरामपुर के वार्ड नम्बर 10, मिशन रोड, ज्ञान गंगा स्कूल के पास श्री नन्हें लाल गुप्ता जी के मकान में 12 दिवसीय निःशुल्क राजयोग अनुभूति शिविर का आयोजन किया गया है। इसका समय प्रतिदिन संध्या 6 से 7.30 बजे तक है। इस शिविर में बिलासपुर से पधारी डॉ0 संगीता बहन सकारात्मक चिंतन की कला, तनाव प्रबंधन, सफल एवं सुखद जीवन शैली, एवं सहज सफलता के सूत्र जैसे विषयों पर उद्बोधन देगीं एवं इनकी सहज अनुभूतियां भी करावेंगी। ब्रह्माकुमारी विद्या बहन ने समस्त बलरामपुर वासियों को शिविर का लाभ लेने हेतु आंमत्रित किया है। यह शिविर पूर्णतः निःशुल्क है। कार्यक्रम का कुशल संचालन ब्रह्माकुमारी मंजू बहन ने किया। इस अवसर पर बलरामपुर के बहुत सारे लोगों ने कार्यक्रम का लाभ लिया।