समूहों की सक्रियता उसकी सबसे बड़ी ताकत है- गागड़ा
आजीविका दिवस समारोहपूर्वक सम्पन्न हितग्राहियों को आदान सामाग्री वितरित की गई
बीजापुर-विगत 14 अप्रैल से 5 मई तक संचालित किये जा रहे ग्राम सुराज अभियान के अंतिम दिन समापन अवसर पर स्थानीय आजीविका महाविद्यालय मंे आजीविका एवं कौशल दिवस का आयोजन दीनदयाल अन्त्योदय योजनातंर्गत राष्ट्रीय शहरी मिशन द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप मंे उपस्थित प्रदेश के वन एवं विधी विधायी मंत्री श्री महेश गागड़ा ने उपस्थित सक्रिय स्व सहायता समूहों को संबोधित करते हुए कि आजीविका मिशन जीने का एक नजरीया है। हमंे भोजन की चिंता सताती है, स्वस्थ रहने की चिन्ता रहती है। आर्थिक उन्नति करने की लालसा रहती है। इन सबकी पूर्ति आजीविका मिशन के जरिए पूरी की जा सकती है। यह आत्मनिर्भर बनने की ओर एक कदम है। सरकार ने सभी के लिए स्वास्थ्य, सभी को आवास भोजन, ईधन की व्यवस्था कर रही है लेकिन आप सभी को आत्मनिर्भर बनने की चिंता करनी है। आत्मनिर्भर अपने हुनर का सही इस्तेमाल कर बना जा सकता है। स्व सहायता समूह में इतनी ताकत होती है कि वह अपने स्वयं के उद्योग का विशाल समूह खड़ा कर सके। उन्होंने लिज्जत पापड़ उद्योग का उदाहरण देते हुए कहा कि एक साथ मिलकर काम करना ही समूह की सक्रियता व ताकत है। इस मौके पर श्री गागड़ा ने तेदूंपत्ता तोड़ने वाली महिलाआंे को श्रम विभाग में विधिवत पंजीयन कराने व विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने की सलाह दी। उन्होनें कहा कि हाल ही मंे प्रारंभ की गई राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मंे भी शीघ्र पंजीयन प्रारंभ हो रहे है जिसके अंतर्गत 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा लाभ दिलाया जाएगा। उन्होनंे वनोपज, महुआ, चार, ईमली, चिरौंजी इत्यादि के विभिन्न उत्पादों का विनिर्माण व मार्केटिंग की सलाह दी। उन्होनें कहा कि स्व सहायता समूह अपनी बनाई हुई चीजों की ब्रांडींग व बेहतर मार्केटिंग करें। वनमंत्री श्री गागड़ा ने समूहों को विभिन्न अनुषांगिक कृषि कार्यो बत्तक पालन, मछलीपालन, पोल्ट्री से भी जुड़ने को कहा। श्री गागड़ा ने कहा कि बीजापुर जिले मंे ईमली का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है। ईमली का गूदा, बीज व इसका रेशा भी बिकता है। ईमली के रेशे का उपयोग गद्दे बनाने में होता है। उन्होनें स्व. सहायता समूह की महिलाओं को कहा कि जो चीज उनके आसपास आसानी से उपलब्ध है उसका काम शुरू करें। उत्पादन करे, मार्केटिंग करें। श्री गागड़ा ने महिलाओं से कहा कि मसाला उद्योग एक बेहतर लघुउद्योग है उसे भी स्थापित किया जा सकता है क्योंकि इसकी शुद्धता की मांग सबसे ज्यादा होती है। उन्होंने स्व. सहायता समूहों को जगदलपुर में चल रहे आधुनिक मसाला उद्योग इकाईयांे का भ्रमण कराने की बात कही। इस मौके पर कलेक्टर डॉ. अय्याज तम्बोली ने उपस्थित महिलाओं को आजीविका दिवस की बधाई दी। उन्होंने ऋण लेकर अपना व्यवसाय प्रारंभ करने एवं पश्चात में ऋण वापसी कर चुकी महिलाओं को शाबासी दी और कहा कि ऋण वापसी से सम्मान की भावना विकसित होती है। उन्होने महिलाओं को ई- रिक्शा, पोल्ट्री व्यवसाय, डेयरी फार्म, रेशम पालन, मछलीपालन, मध्यान्ह भोजन सभी में अपनी सक्रियता निभाने को कहा। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। कार्यक्रम के इस मौके पर कलेक्टर डॉ. अय्याज तम्बोली, सीईओ जिला पंचायत श्री डी. राहुल वेंकट, वनमण्डलाधिकारी श्री एन. गुरूनाथन, पार्टी जिला अध्यक्ष श्री जीवेंकट सहित अन्य उपस्थित थे।