जैविक खेती के लिए किसानों को करें प्रोत्साहित: कृषि उत्पादन आयुक्त कुजूर
रायपुर, छत्तीसगढ के अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त श्री सुनील कुजूर की अध्यक्षता में आज यहां न्यू सर्किट हाउस में रबी 2017-18 की समीक्षा एवं खरीफ 2018 के लिए प्रस्तावित कार्यक्रम की संभागीय बैठक सम्पन्न हुई।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री कुजूर ने कहा कि किसानों के लिए बनाई गई योजनाओं का क्रियान्वयन समय पर किया जाये। ऐसी कार्य योजना बनायें जिसका अधिक से अधिक लाभ किसानों को मिल सके। विभागीय अधिकारियों द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन का सतत निरीक्षण भी सुनिश्चित किया जाए। कृषि उत्पादन आयुक्त ने जल संवर्धन अभियान पर विशेष जोर देते हुए कहा कि यह सर्व प्राथमिकता का विषय है। उन्होंने जल संग्रहण हेतु शासन की विभिन्न योजनाओं के कंवर्जेन्स से प्रभावी कार्य योजना बनाने के निर्देश भी विभगीय अधिकारियों को दिए। श्री कुजूर ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की मंशानुरूप मोर ड्राप-मोर क्राप की तर्ज पर कम पानी में अधिक फसल लगाया जाना है। इसके साथ-साथ मिट्टी के स्वास्थ्य को भी ध्यान में रखते हुए कम से कम रसायनिक खादों का उपयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को रसायनिक खाद के स्थान पर जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाए। जैविक खेती के लिए किसान स्वयं जैविक खाद का उत्पादन कर सके इसके लिए उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण भी मुहैया कराया जाए। कृषि उत्पादन आयुक्त ने किसानों द्वारा ली जाने वाली फसल और भूमि की जानकारी भी सॉफ्टवेयर में एकत्रित करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त ने विभिन्न कृषि आदानों, बीज एवं उर्वरकों के भंडारण और वितरण व्यवस्था, शाकम्भरी योजना पर भी चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। श्री कुजूर ने खाद-बीज के अग्रिम उठाव पर विशेष जोर देने को कहा है।
बैठक में उद्यानिक विभाग के संचालक ने विभाग की योजनाओं की जानकारी देते हुए संभाग में उद्यानिकी फसलों के क्षेत्राच्छादन में वृद्धि करने को कहा। मार्कफेड, बीज निगम, मंडी बोर्ड, अपेक्स बैंक, सहकारिता और जल संसाधन विभाग के राज्य स्तरीय अधिकारियों ने भी कृषि उत्पादन आयुक्त को आगामी खरीफ कार्यक्रम के लिए अपनी तैयारियों के बारे में बताया। बैठक में संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर्स, मार्कफेड के प्रबंध संचालक, संचालक मत्स्य, प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड सहित कृषि विभाग तथा अन्य विभाग के संभाग और जिला अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री कुजूर ने कहा कि किसानों के लिए बनाई गई योजनाओं का क्रियान्वयन समय पर किया जाये। ऐसी कार्य योजना बनायें जिसका अधिक से अधिक लाभ किसानों को मिल सके। विभागीय अधिकारियों द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन का सतत निरीक्षण भी सुनिश्चित किया जाए। कृषि उत्पादन आयुक्त ने जल संवर्धन अभियान पर विशेष जोर देते हुए कहा कि यह सर्व प्राथमिकता का विषय है। उन्होंने जल संग्रहण हेतु शासन की विभिन्न योजनाओं के कंवर्जेन्स से प्रभावी कार्य योजना बनाने के निर्देश भी विभगीय अधिकारियों को दिए। श्री कुजूर ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की मंशानुरूप मोर ड्राप-मोर क्राप की तर्ज पर कम पानी में अधिक फसल लगाया जाना है। इसके साथ-साथ मिट्टी के स्वास्थ्य को भी ध्यान में रखते हुए कम से कम रसायनिक खादों का उपयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को रसायनिक खाद के स्थान पर जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाए। जैविक खेती के लिए किसान स्वयं जैविक खाद का उत्पादन कर सके इसके लिए उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण भी मुहैया कराया जाए। कृषि उत्पादन आयुक्त ने किसानों द्वारा ली जाने वाली फसल और भूमि की जानकारी भी सॉफ्टवेयर में एकत्रित करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त ने विभिन्न कृषि आदानों, बीज एवं उर्वरकों के भंडारण और वितरण व्यवस्था, शाकम्भरी योजना पर भी चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। श्री कुजूर ने खाद-बीज के अग्रिम उठाव पर विशेष जोर देने को कहा है।
बैठक में उद्यानिक विभाग के संचालक ने विभाग की योजनाओं की जानकारी देते हुए संभाग में उद्यानिकी फसलों के क्षेत्राच्छादन में वृद्धि करने को कहा। मार्कफेड, बीज निगम, मंडी बोर्ड, अपेक्स बैंक, सहकारिता और जल संसाधन विभाग के राज्य स्तरीय अधिकारियों ने भी कृषि उत्पादन आयुक्त को आगामी खरीफ कार्यक्रम के लिए अपनी तैयारियों के बारे में बताया। बैठक में संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर्स, मार्कफेड के प्रबंध संचालक, संचालक मत्स्य, प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड सहित कृषि विभाग तथा अन्य विभाग के संभाग और जिला अधिकारी उपस्थित थे।