October 26, 2024

राज्य में नेटवर्क बढ़ाने के लिए संचार क्रांति योजना की चुनौतीपूर्ण निविदा में राज्य शासन को दरों में भारी बचत: 50 लाख स्मार्टफोन का वितरण शीघ्र

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  रायपुर,  राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मोबाईल नेटवर्क कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए बहुउद्देशीय छत्तीसगढ़ संचार क्रांति योजना शुरू की गयी है। यह देश में अपने तरह की यह पहली योजना है जिसके अंतर्गत दो चरणों में 50 लाख से अधिक स्मार्ट फोन का वितरण किया जायेगा। भारत का मोबाईल घनत्व 72 प्रतिशत है, जबकि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 29 प्रतिशत है। प्रदेश के 1000 से अधिक जनसंख्या वाले ग्र्रामीण परिवार की महिला प्रमुख को लगभग 40 लाख स्मार्ट फोन, शहरी गरीब परिवार की महिला प्रमुख को लगभग 5 लाख स्मार्ट फोन, महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को लगभग 5 लाख फोन वितरित किया जाना है।
देश के किसी भी राज्य मंे मोबाईल कनेक्टीविटी के लिये इस तरह का प्रयास नहीं हुआ है। फलस्वरूप छत्तीसगढ़ का यह प्रयास अपने आप में अनूठा माना जाएगा। निविदा प्रक्रिया को पूर्ण करने मंे चिप्स ने अनेक प्रकार की चुनौतियों का सामना किया है। इस प्रक्रिया मंे छत्तीसगढ़ को टेलीकॉम सेक्टर के स्टेªस मंे होने के कारण सबसे बड़ी चुनौती का सामना भी करना पड़ा। प्रदेश मंे संचालित पांच वृृहद् टेलीकॉम कंपनियां निविदा मंे भाग लेने की पात्रता रखते हैं, परन्तु इनमंे से दो कंपनियों के व्यवसायिक कारणों से भाग न ले पाने के कारण शेष तीन कंपनियों को इस निविदा मंे भाग लेना अत्यन्त मुश्किल साबित हुआ। चिप्स द्वारा इस निविदा के लिये किये गये अनोखे प्रयासों को देखते हुए देश के अनेक राज्यों जैसे मध्यप्रदेश, उड़ीसा आदि ने छत्तीसगढ़ की निविदा प्रक्रिया के अध्ययन मंे रूचि दिखाई है।
चिप्स स्काई परियोजना की क्रियान्वयन एजेंसी है। चिप्स ने अत्यंत आधुनिक तरीकों से इस चुनौतीपूर्ण योजना को क्रियान्वित करने के लिये सबसे पहले नई दिल्ली में दो कार्यशालाओं का आयोजन किया जिसमें प्रथम कार्यशाला निविदा का स्वरुप, समय-सीमा और स्मार्ट फोन के स्पेसिफिकेशन निर्धारित करने के लिए की गई। इनकी सलाह का चिप्स द्वारा परीक्षण कर आगे कार्य करने की रणनीति तैयार की गई। दूसरी कार्यशाला मोबाइल निर्माता एवं ई-कॉमर्स कम्पनी (फ्लिपकार्ट, अमेजान आदि) तथा देश की प्रचलित मोबाइल निर्माता कम्पनियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे, जिसमें मोबाइल स्पेसिफिकेशन एवं लागत आदि पर चर्चा की गई। निविदा तैयार करने के लिए कार्यशाला के अलावा गार्टनर एवं प्रसिद्ध टेलीकॉम लायर एच.एस.ए. लीगल से सुझाव लिए गए।
योजना के क्रियान्वयन के लिए चिप्स द्वारा 8 दिसंबर 2017 को प्रथम निविदा आमंत्रित की गयी। इस अवधि में योजना के क्रियान्वयन के लिए कोई भी निविदा प्राप्त नही हुई। इस निविदा की अवधि में भारती एयरटेल, बीएसएनएल, आईडिया, कार्बन एवं माइक्रोमैक्स सहित अन्य प्रमुख मोबाईल कंपनियों द्वारा योजना से संबंधित पूछताछ की गयी।
इसके पश्चात् 14 फरवरी 2018 को द्वितीय निविदा आमंत्रित की गयी। द्वितीय निविदा में एक निविदा प्राप्त हुई परंतु एक ही निविदा प्राप्त होने के कारण दूसरी निविदा प्रक्रिया भी निरस्त की गयी।
दिनांक 16 मार्च 2018 को स्काई परियोजना के लिए तीसरी निविदा आमंत्रित की गयी। निविदा अवधि में दो निविदा प्राप्त हुई जो मेसर्स लावा एवं रिलायंस जियो की है। इन निविदाओं को शासन द्वारा बनाई गई समिति तथा निविदाकारों के प्रतिनिधियों के समक्ष खोला गया। इस समिति में वित्त विभाग, एन.आर.डी.ए, सी.एस.आई.डी.सी. एवं चिप्स के अधिकारी थे। तत्पश्चात समिति द्वारा प्राप्त निविदाओं का तकनीकी परीक्षण किया गया, जिसमें दोनों निविदाएं उपयुक्त पाई गई हैं। इन दोनों निविदाकर्त्ताओं की वित्तीय निविदाएं समिति के समक्ष खोली गई जिसमें अंतिम रुप से रिलायंस जियो की दरें कम पाई गई।
इस निविदा में दो तरह के स्मार्ट फोन का वितरण किया जाएगा, जिसमें विद्यार्थियों को दिये जाने वाले स्मार्ट फोन मंे दो जीबी रेम, 1.4 गीगाहर्टज का प्रोसेसर, 16 जीबी स्टोरेज, 5 मेगा पिक्सल का फ्रंट व 8 मेगा पिक्सल का बैक कैमरा तथा 5 इंच की स्क्रीन है, शेष हितग्राहियों को दिये जाने वाले स्मार्ट फोन मंे 1 जीबी रेम, 1.2 गीगाहर्टज का प्रोसेसर, 8 जीबी स्टोरेज, 2 मेगा पिक्सल का फ्रंट व 5 मेगा पिक्सल का बैक कैमरा तथा 4 इंच की स्क्रीन होगी जिससे वह इंटरनेट एवं सोशल मीडिया से जुड़ सकता है तथा डिजिटल भुगतान भी कर सकता है। स्मार्ट फोन वितरण से राज्य में कृषि एवं व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा। स्वास्थ्य सेवाएं जैसे- 102, 108, पीडीएस आदि का क्रियान्वयन और भी प्रभावशाली ढंग से किया जा सकेगा। राज्य भर में संचालित 11 हजार से अधिक सामान्य सेवा केेन्द्रों के माध्यम से ई-शासन की सेवाएं ग्राम स्तर तक प्रदान की जा सकेंगी। स्मार्ट फोन वितरण से राज्य की महिलाओं का सशक्तिकरण किया जाएगा। इससे महिलाओं को पुरूषों की तरह प्रगति करने का समान अवसर उपलब्ध रहेगा।
स्काई योजनान्तर्गत सेवा प्रदाता कम्पनी को राज्य के ग्रामों में कनेक्टिविटी के लिए मोबाईल टॉवर की स्थापना करना है। इसके प्रथम चरण में मई 2019 तक 13900 ग्रामों में कनेक्टिविटी स्थापित करना है। इन ग्रामों में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए रिलायंस जिओ को कम से कम 2500 टॉवर स्थापित करना है, जिसकी लागत लगभग रु. 750 करोड़ तथा रु. 200 करोड़ प्रतिवर्ष इन टॉवरों के संचालन पर व्यय करना है। इससे राज्य के दूरस्थ अंचलों में कनेक्टिविटी प्राप्त होगी।
वर्तमान में माईक्रोमैक्स भारत-4 का रु. 5499 तथा माईक्रोमैक्स भारत 2़ रु 4499 खुदरा मूल्य है। इन्ही माईक्रोमैक्स स्मार्ट फोन का निविदा में मूल्य क्रमशः रु. 4142.88 तथा रु. 2509 है। इस प्रकार प्रथम श्रेणी में रु. 1356.12 प्रति फोन तथा द्वितीय श्रेणी में रु. 1990 प्रति फोन की बचत होगी। योजनान्तर्गत लगभग 5 लाख प्रथम श्रेणी के तथा लगभग 45 लाख द्वितीय श्रेणी के स्मार्ट फोन वितरीत किये जाना है, जिससे राज्य को प्रथम श्रेणी में रु. 68 करोड़ तथा द्वितीय श्रेणी में रु. 895.50 करोड़, इस प्रकार कुल रु. 963.50 करोड़ की बचत होगी। राज्य शासन इस परियोजना में सभी हितग्राहियों को 6 माह तक 1 जी बी डेटा तथा 100 मिनिट का काल टाईम निःशुल्क प्रदान करेगा। वर्तमान में इसका बाजार मूल्य लगभग 149 रुपए प्रतिमाह है। इससे शासन कोे लगभग रु. 300 करोड़ की बचत होगी। इसके लिए राज्य शासन सेवा प्रदाता को रु. 30 प्रतिमाह प्रदान करेगा।
इस प्रकार चिप्स द्वारा संचार क्रांति योजना के लिए की गई निविदा में बाजार से 30 एवं 45 प्रतिशत कम दरों पर मोबाईल खरीदी की जा रही है। इसका सेवा शुल्क में 80 प्रतिशत कम दरों पर लिया जा रहा है। इसके साथ ही 13900 ग्रामों में कनेक्टिविटी प्राप्त हो रही है। यह सभी सुविधाएं नागरिकों को निःशुल्क प्राप्त होगी। यह स्मार्टफोन विकास यात्रा के दौरान वितरित किये जाएगें।

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