गांवों के विकास के लिए समर्पित भाव से काम करें पंच-सरपंच: श्री चंद्राकर
हमर छत्तीसगढ़ योजना: पंचायत मंत्री से धमतरी, कुरूद और मगरलोड के पंचायत प्रतिनिधियां की मुलाकात
रायपुर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चंद्राकर से आज यहां उनके निवास कार्यालय में हमर छत्तीसगढ़ योजना के तहत अध्ययन भ्रमण के लिए रायपुर आए पंचायत प्रतिनिधियों ने सौजन्य मुलाकात की। श्री चंद्राकर ने पंचायत प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जो आगे बढ़ना चाहते हैं, वो लगन और ईमानदारी से उस दिशा में काम करते हैं। उन्होंने पंच-सरपंचों को गांवों के विकास के लिए समाज हित में समर्पित भाव से कार्य करने की अपील की। श्री चंद्राकर ने कहा कि अधोसंरचना निर्माण को ही विकास नहंी कहा जा सकता। समाज के विकास के लिए विभिन्न क्षेत्रों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, नशा मुक्ति में भी अपनी सहभागिता देनी चाहिए। उन्होंने प्रतिनिधियों से कहा कि किसानों को धान के अलावा वैकल्पिक फसल भी लेना चाहिए, ताकि अतिरिक्त आमदनी हो और किसान आर्थिक रूप से सम्पन्न हो सके। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए भी प्रतिनिधियों को सीख दी। श्री चंद्राकर ने कहा कि जनप्रतिनिधि शिक्षा के क्षेत्र में भी आम लोगों को जागरूक करें। उन्होंने शासन की कल्याणकारी योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए और अधिक सक्रियता से काम करने कहा।
श्री चंद्राकर ने पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमर छत्तीसगढ़ योजना वास्तव में पंचायत प्रतिनिधियांे का प्रशिक्षण भी है। राजधानी आकर हमारे प्रतिनिधि विधानसभा, सचिवालय की कार्यप्रणाली से परिचित होते हैं। फिल्म, विभागों के विभिन्न प्रकाशनांे , लोक कलाकारों के कार्यक्रमों के जरिए उन्हें योजनाओं की जानकारी मिलती है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में खेती किसानों के आधुनिक तौर तरीकों से परिचित होने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का अधिक से अधिक संख्या में ग्रामीणों को लाभ दिलाएं। श्री चंद्राकर ने बताया कि यदि गांव में हर परिवार का मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का स्मार्ट कार्ड बन जाता है, तो जीवन भर के लिए उस परिवार के लिए एक बड़ी सहायता होगी। राज्य सरकार द्वारा स्मार्ट कार्ड से इलाज की बीमा राशि 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों को गांव में टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्रों की व्यवस्था का ध्यान रखना चाहिए, सभी बच्चे स्कूल जा रहे हैं या नहीं, शिक्षक नियमित रुप से बच्चों को पढ़ा रहे हैं या नहीं। उन्होंने गांवों को साफ-सुथरा और हरा-भरा बनाये रखने, गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य कराने का सुझाव दिया।