अयोध्या केस: 14 मार्च को अगली सुनवाई
नई दिल्ली : दस्तावेजों का अंग्रेजी में अनुवाद का काम पूरा न हो पाने के कारण बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि विवाद की सुनवाई गुरुवार को एक बार फिर टल गई। 14 मार्च को सुनवाई की अगली तारीख लगाते हुए शीर्ष अदालत ने कहा है कि एक बार सुनवाई शुरू हुई तो वह चलती रहेगी।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने साथ ही यह स्पष्ट किया कि वह सिर्फ भूमि विवाद मसले पर ही सुनवाई करेगी।
पीठ ने यह संदेश दिया है कि इस मसले पर धार्मिक, आस्था और राजनीतिक दलीले सुनने में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं है। साथ ही पीठ ने इस मामले की सुनवाई रोजाना करने के आग्रह पर कोई ध्यान नहीं दिया लेकिन यह जरूर कहा कि एक बार सुनवाई शुरू हुई तो यह चलती रहेगी। वास्तव में मुस्लिम समुदाय की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने पीठ से गुहार की कि मामले की सुनवाई रोजाना की जाए। उनका यह पक्ष पिछली सुनवाई के रुख से बिल्कुल विपरीत है।
पिछली सुनवाई में उनकी ओर से कहा गया कि मामले की सुनवाई जुलाई 2019 के बाद की जाए। धवन द्वारा मामले की रोजाना सुनवाई करने के आग्रह पर चीफ जस्टिस ने कहा, ‘700 से अधिक गरीब वादियों को न्याय का इंतजार है। हमें उन्हें भी सुनना है।’
पीठ ने सुन्नी वक्फ बोर्ड, रामजन्मभूमि न्यास, रामलल्ला विरजमान सहित अन्य पक्षकारों को रामायण, रामचरित्र मानस, गीता सहित अन्य किताबों के संबंधित हिस्सों के अंग्रेजी में अनुवाद का काम दो हफ्ते के भीतर पूरा करने के लिए कहा है।