नवगठित नगर परिषद बकहो में वन भूमि एवं राजस्व की भूमि पर अवैध निर्माण पर हो कार्यवाही।

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लाखों रुपए राजस्व की कर रहे चोरी अवैध निर्माण करने वाले।

शहडोल। (अविरल गौतम) नगर पंचायत बकहो सौगात के साथ-साथ वन भूमि पर अवैध कब्जा कर बड़े-बड़े महलों का निर्माण शासकीय कर्मचारी व शासकीय विभागों में कार्यरत अधिकारी वर्ग के लोग वर्षों से मलाई छान रहे हैं शासन की मंशा अनुरूप जहां भूमि कर के रूप में लाखों रुपए शासन के खाते में जमा होनी चाहिए वहां इनके द्वारा वन भूमि पर बिना पट्टा के बड़े बड़े भवनों का निर्माण करके कई वर्षों से निवासरत हैं और शासन की राजस्व की चोरी कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक बताया जाता है कि पूर्व में ग्राम पंचायत बक हो तीन राजस्व ग्रामों से बना हुआ था और अब वर्तमान स्थिति में नगर परिषद के रूप में गठित हुआ है जिसके अंतर्गत शासकीय भूमि पर नेताओं और बड़े-बड़े दिग्गजों के द्वारा फर्जी तरीके से पट्टे बनवा कर अवैध कब्जा किए हुए हैं यही नहीं इंदिरा नगर, ईटा भट्ठा, रावल मार्केट, लखन दफाई ग्राम पंचायत बक हो, टिकरी टोला, झगरहा जैसे क्षेत्रों में जहां पर वन विभाग की भूमि का होना बताया जाता है वहां पर भी इन लोगों के द्वारा अवैध अतिक्रमण करके बेजा कब्जा किया गया है। एवं पूरी आबादी का 40% हिस्सा शासकीय भूमि पर आलीशान बंगले का निर्माण करके शासन को मिलने वाली भूमि कर राजस्व की चोरी निरंतर कई वर्षों से अनवरत जारी है।

वन विभाग हुआ नाकाम

इस प्रकार नगर परिषद के इंदिरा नगर क्षेत्र में वन विभाग के द्वारा अपनी एड़ी चोटी लगाकर भी संपूर्ण वन भूमि पर कब्जा किए हुए लोगों को हटाने के लिए मुख्य वन संरक्षक एवं निम्न तबके के अधिकारी कर्मचारी हारकर बैठे हुए हैं, क्योंकि वन भूमि पर संपूर्ण रुप से कब्जा करके न तो वन विभाग को इनके गैर जिम्मेदार हरकतों को देखते हुए कोई कार्रवाई की गई और ना ही राजस्व विभाग इन पर किसी प्रकार का शुल्क वसूली कर रहा है।

मध्यप्रदेश शासन की भूमि पर बना दिया गया अवैध पट्टा

ज्ञात हो कि नगर परिषद बकहो के अंतर्गत श्रीवास्तव मोड़ रेल लाइन के बगल से बड़ी विशालकाय भूमि और दुर्गा मंदिर कार्मेल कान्वेंट स्कूल अमलाई ईटा भट्ठा तक पूर्व में रिक्त रही शासकीय भूमि का पूर्व ग्राम पटवारी के द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से अपने करीबी और रिश्तेदारों के नाम शासकीय भूमि का पट्टा अवैध रूप से बना कर आवंटित किया गया जिससे सैकड़ों एकड़ जमीन इन अवैध कब्जा धारियों के पास अगर आज के अवसर पर है तो वह पटवारी के कारनामों की वजह से शासकीय भूमि पर अवैध भवनों का निर्माण किया गया है।
इस प्रकार संपूर्ण नगर परिषद क्षेत्र के कुछ भाग पर जहां मध्यप्रदेश शासन की भूमि और वन विभाग की भूमि रिक्त होने की स्थिति में इन दोनों विभागों की भूमि पर वाहय राज्यों से आए लोगों के द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण करके बेजा कब्जा कर् भूमि पर बड़े बड़े भवनों को तान दिया गया लेकिन समय रहते ना तो राजस्व विभाग के द्वारा इन पर किसी प्रकार की कार्रवाई की गई और ना ही वन विभाग के द्वारा इनके इस प्रकार किए जा रहे अवैध कब्जे पर अंकुश लगाया गया।

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