निजी विद्यालयों का पंजीयन निरस्त करने का प्रस्ताव डीईओ को पड न जाये भारी

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आदर्श आचरण आचार संहिता के दौरान संयुक्त संचालक शिक्षक को भेजा प्रस्ताव

बरगवां अमलाई। जिले में निजी विद्यालयों की व्यवस्था व शिक्षण कार्यप्रणाली को बेहतर करने के लिए कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने जिला शिक्षा अधिकारी को जांच व निरीक्षरण केे निर्देेश दिये थे। डीईओ के द्वारा जिलेभर की निजी विद्यालयों में निरीक्षण कर जायजा भी लिया गया, जहां कमियां पाई गई वहां कारण बताओं नोटिस देकर जवाब भी मांगा गया, परंतु जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आदर्श आचरण आचार संहिता का उल्लंघन कर जिले के निजी विद्यालयों का पंजीयन निरस्त करने संबंधी प्रस्ताव संयुक्त संचालक शिक्षण, शहडोल को प्रस्तुत किया गया। जबकि इस दौरान नवीन कार्यवाही के रूप में किसी भी तरह का कदम नही उठाना था।
यह भेजा गया प्रस्ताव
13 मई को अशासकीय विद्यालयों सनबीम कान्वेंट स्कूल अनूपपुर, सनराईज स्कूल बिजुरी, भारत ज्योति अनूपपुर तथा न्यू स्टेला लहरपुर जैतहरी द्वारा फीस वृद्धि की जानकारी निर्धारित प्रारूप में कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी में नही भेजे जाने, पुस्तकों की सूची सभी दुकानदारों को उपलब्ध नही कराए जाने तथा मापदण्ड के अनुसार संस्था संचालित नही करने पर इन विद्यालयों के विरूद्ध मान्यता समाप्त करने एवं आवश्यक कार्यवाही किए जाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा लोक शिक्षण शहडोल संभाग शहडोल के संयुक्त संचालक को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। विदित हो कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा उक्त विद्यालयों का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान विद्यालयों में कई कमियां पाई गई थीं, जिसके कारण विद्यालयों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था।
निर्वाचन आयोग से हुई शिकायत
समाजसेवी व शिक्षाविद् जीतेन्द्र सिंह ने भारत निर्वाचन आयोग सहित मुख्य सचिव म.प्र. शासन, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, आयुक्त शहडोल संभाग, निर्वाचन अधिकारी शहडोल संसदीय क्षेत्र संयुक्त संचालक लोक शिक्षण शहडोल को पत्राचार करते हुए बताया कि पूरे भारत वर्ष में लोकसभा का निर्वाचन चल रहा है तथा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सम्पूर्ण राष्ट्र में लोकसभा निर्वाचन होने तथा परिणाम घोषित होने तक आदर्श आचरण आचार संहिता लागू की गई है तथा समस्त जिला निर्वाचन अधिकारी को आदर्श आचरण आचार संहिता लागू करने के निर्देश जारी कर समस्त विभाग को पालन करने हेतु सुनिश्चित किया गया है। आदर्श आचरण आचार संहिता 04 जून तक के लिये लागू की गई है। ऐसे में शासन के कोई भी विभाग नवीन कार्य एवं नवीन कोई भी प्रस्ताव या नवीन कोई भी योजना का क्रियान्वयन नहीं कर सकेगा। भारत निर्वाचन आयोग के आदर्श आचरण आचार संहिता का खुला उल्लंघन जिला अनूपपुर के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी अनूपपुर जिले के 04 विद्यालयो की मान्यता समाप्त करने का प्रस्ताव संयुक्त संचालक शिक्षण, जिला शहडोल को प्रेषित किया गया है। जबकि अभी आदर्श आवरण आचार संहिता लागू है। किसी भी प्रकार के नवीन प्रस्ताव कही भी प्रेषित नहीं किये जा सकते हैं और विद्यालयो की मान्यता जो म.प्र. शासन शिक्षा विभाग द्वारा विधिवत् जारी किये गये थे। उसे निर्वाचन के आदर्श आचरण सहिंता लागू होने के दौरान निरस्त करने का प्रस्ताव खुलेआम आदर्श आचरण सहिंता का उल्लघंन जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा किया गया है। श्री सिंह ने इस उल्लंघन पर कठोर कार्यवाही की मांग की है।
यह भी है सवाल
जानकारी के अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा कारण बताओं नोटिस का मोबाइल व मेल के माध्यम से संदेश भेजा गया था, किसी भी तरह की लिखित नोटिस विद्यालय तक नही भेजा गया है। इसके साथ ही दर्जनों ऐसे भी निजी विद्यालय संचालित है जहां न तो शिक्षा की गुणवत्ता अपनाई जाती है और न ही नियमो का पालन किया जाता है, उन पर कार्यवाही न करते हुए केवल जिले के चार विद्यालयों पर ही कार्यवाही क्यो की जा रही है यह सवाल संदेह के घेरे में है।

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