November 23, 2024

पंजाब में 32 स्थानों पर रेलवे परिसरों और पटरियों पर आंदोलन अभी भी जारी

0

भटिण्डा : पंजाब में रेल पटरियों को बाधित किये जाने से माल भाड़ा ढुलाई गतिविधियां रद्ध होने की वजह से रेलवे को लगातार नुकसान हुआ है और अभी तक आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाली 2225 से अधिक माल गाड़ियों का अभी तक संचालन नहीं हुआ, इससे होने वाला नुकसान पहले ही 1200 करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है।

प्रदर्शनकारी प्लेटफॉर्मों और रेल पटरियों के नजदीक अपना धरना जारी रखे हुए हैं जिसकी वजह से संचालनात्मक और सुरक्षा कारणों को लेकर ट्रेनों की आवाजाही एक बार फिर रद्ध कर दी गई है। प्रदर्शनकारियों के जान्दियाला, नाभा, तलवंडी, साबू और भटिण्डा में अचानक पटरियों को रोके जाने से ट्रेनों की आवाजाही संचालन और सुरक्षा कारणों की वजह से एक बार फिर रोकी गई। आज सुबह 6 बजे तक प्राप्त रिपोर्ट अनुसार आंदोलन कुल 32 स्थानों पर जारी था।

रेल मंत्रालय ने पटरियों की सुरक्षा तथा रेलवे गतिविधियों को दोबारा शुरू करने के मद्देनजर स्टाफ की सुरक्षा को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री को 26 अक्टूबर को पत्र लिखा था।

पंजाब में कई स्थानों पर रेल पटरियों को लगातार बाधित किए जाने की वजह सेकई स्थानों पर से मालभाड़ा गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ने से खेती, उद्योग और आधारभूत ढांचे से जुड़े क्षेत्रों को आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता पर असर पड़ा है।

पंजाब से गुजरने वाली सभी यात्री रेलगाड़ी पर इसका प्रतिकूल असर पड़ा है।आज तक 1350 से अधिक यात्री ट्रेनों को रद्ध किया गया, मार्ग परिवर्तन करने या कुछ समय तक इन्हें बंद करने से कोविड महामारी के समय यात्रियों को गम्भीर असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

पंजाब, जम्मू कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में आवश्यक वस्तुओं को लाने और लेजाने वाली सभी रेलगाड़ियों पर प्रतिकूल असर पड़ा है।

आंदोलन की वजह से काफी संख्या में माल भाड़ा ढुलाई रेल गाड़ियां और भरी हुई रेल गाड़ियां 15 से 20 दिनों से फँसी हुई हैं। व्यापार में हुए नुकसान के बाद अनेक माल भाड़ा उपभोक्ता आवश्यक वस्तुओं को भेजने अन्य विकल्पों का सहारा ले रहे हैं। पंजाब से आवश्यक वस्तुओं को लेकर बाहर जाने वाली रेल गाड़ियों पर भी इसका असर पड़ा है। इसकी वजह से खाद्यानों, कन्टेनर, ऑटोमोबाइल, सीमेंट, पेटकोक और उर्वरकों की लोडिंग पर पंजाब में औसतन 40 रैक प्रतिदिन का नुकसान हुआ है। पंजाब में आने वाला यातायात भी इसकी वजह से प्रभावित हुआ है और आंदोलन के कारण कंटेनर, सीमेंट, जिप्सन, उर्वरक राज्य में महत्वपूर्ण स्थानोंपर पहुंच नहीं पा रहे हैं और यह प्रतिदिन 30 रैक का औसतन नुकसान है।

पंजाब में किसान आंदोलन: पृष्ठभूमि

पंजाब क्षेत्र में किसानों ने 24 सितंबर, 2020 को रेल पटरियों और स्टेशनों को बाधित करना शुरू किया था और 1 अक्टूबर, 2020 के बाद यह आंदोलन पूरे पंजाब में फैल गया जिसकीवजह से पंजाब के फिरोजपुर डिविजन में सम्पूर्ण रेलगाड़ी संचालन प्रभावित हुआ और अम्बाला, दिल्ली तथा बीकानेर डिविजन में इसका आंशिक तौर पर असर हुआ। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने 22 अक्टूबर से मालगाड़ियों की सशर्त आवाजाही को अनुमति दी लेकिन इसके 2 दिन बाद संचालन और सुरक्षा कारणों से इसे फिर रद्द करना पड़ा क्योंकि अमृतसर, नाभा, फिरोजपुर मोगा, जान्दिया और भटिण्डा में अनेक स्थानों पर रेल पटरियों को बाधित कर दिया गया था।

रेल पटरियों को अनेक स्थानों पर अभी भी बाधित किया जाना जारी है और अगर प्रदर्शनकारी नियंत्रण में नहीं रहते हैं तो ऐसे में रेलगाड़ियों को चलाना काफी जोखिम भरा है। आज सुबह 6 बजे तक कुल 32 स्थानों पर आंदोलन जारी था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *