यूपी बोर्ड परीक्षा: 2 दिन में 3 लाख से ज्यादा छात्रों ने छोड़ी परीक्षा
लखनऊ
उत्तर प्रदेश बोर्ड की परीक्षा शुरू हो गई है. बुधवार को परीक्षा का दूसरा दिन था. आंकड़ों के मुताबिक 2 दिन में 3,17,475 छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी है. इसमें 10वीं और 12वीं के छात्र शामिल हैं. जबकि बोर्ड परीक्षा के पहले दिन कक्षा 10 और 12 के करीब 2.39 लाख छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी थी. कुल 56 लाख से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था. यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को 2,39,133 परीक्षार्थी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा देने के लिए नहीं पहुंचे.
बता दें, उत्तर प्रदेश बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो गई हैं. इस बार बोर्ड की परीक्षा में 56 लाख सात हजार 118 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं. परीक्षा में इस बार नकल रोकने के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं. इसके लिए सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे वॉइस रिकॉर्डर के साथ लगाए गए हैं. परीक्षा केंद्रों की लखनऊ में बनाए गए कंट्रोल रूम से मॉनिटरिंग हो रही है. परीक्षा में सख्ती को देखते हुए इस बार पंजीकरण करने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट आई है. आंकड़ों की मानें तो पिछले साल के मुकाबले इस साल 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण करने वाले छात्रों की संख्या में 1,69,980 गिरावट दर्ज की गई है.
पहले दिन परीक्षा छोड़ने वाले छात्रों की बड़ी संख्या चौंकाने वाली है. दोनों कक्षाओं के लिए पहला प्रश्नपत्र हिंदी का था. अधिकारियों ने छह परीक्षार्थियों और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ अलग-अलग थानों में नकल विरोधी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है. पहले दिन परीक्षाओं में अनुचित साधनों का उपयोग करते हुए कुल 34 परीक्षार्थी पकड़े भी गए. इसमें 26 लड़के और एक लड़की हाईस्कूल की और सात लड़के इंटरमिडिएट के हैं. जबकि दूसरे दिन अनुचित साधनों का उपयोग करते हुए 10 छात्र पकड़े गए. इस लिहाज से अनुचित साधनों की श्रेणी में दो दिन में कुल 44 परीक्षार्थी पकड़े गए हैं.
यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने कहा, "परीक्षा छोड़ने वाले छात्रों की संख्या और ज्यादा हो सकती है, क्योंकि कई जिलों से रिपोर्ट अभी नहीं आई है. बीते साल परीक्षा के पहले दो दिनों के बाद सिर्फ 40,392 छात्रों ने ही पेपर छोड़ा था. इस आंकड़े में 20,674 छात्र शामिल हैं, जो 2019 में पहले दिन परीक्षा देने नहीं पहुंचे थे." उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि ये वे छात्र हैं, जिन्होंने कई जिलों से यूपी बोर्ड की परीक्षा में आवेदन किया था. उन्होंने कहा, "इन छात्रों ने एक जिले से परीक्षा दी और दूसरे जिलों को छोड़ दिया."