November 24, 2024

खुलेआम गुटखा बेचने वालों की खैर नहीं, मंत्री कवासी लखमा ने किया बड़ी कार्रवाई की ओर इशारा

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धमतरी
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में भाजपा (BJP) शासन के दौरान ही जर्दायुक्त गुटखे (Gutkha) की बिक्री पर कानूनी प्रतिबंध लगाया गया था. इस आदेश के मुताबिक तम्बाकू युक्त पान मसाला और गुटखा बेचना या बनाना दोनों ही कानूनी कार्रवाई के दायरे में आ गया. लेकिन जमीन पर इस कानून का कोई असर कभी भी दिखाई नहीं दिया. गांव देहात से लेकर शहरों तक पान ठेलों से लेकर किराना दुकान औृर डेली नीड्स तक प्रतिबंधित गुटखा खुले आम बिकता आ रहा है.

प्रशासन में जिन विभागों को इस पर नियंत्रण और कार्रवाई का जिम्मा है वो भी कभी जांच की जहमत नहीं उठाते. बात अगर धमतरी जिले की करें तो यहां अवैध तरीके से गुटखा बनाने की फैक्ट्री भी पकड़ी जा चुकी है. लेकिन इसके बावजूद गुटखे के मुनाफा वाले अवैध धंधे के ग्राफ पर कोई आंच नहीं आई. उल्टे लगातार गुटखे की खपत बढ़ी ही जा रही है.

इधर, जब प्रदेश की सत्ता बदली है तो नए सरकार से उम्मीद थी कि वे उसे लेकर कुछ करेगी. हालांकि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने भी शराबबंदी का वादा जरूर किया था, जो पूरा नहीं हो पाया. तो वहीं हाल ही में धमतरी जिले के दौरे पर रहे सूबे के आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Kavasi Lakhma) ने एक बड़ा बयान दे दिया.

छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा के दावों की मानें तो जल्द ही प्रदेश में खुले तौर पर बिकने वाले प्रतिबंधित गुटखे और शराब दुकानों के इर्द गिर्द चलने वाले अवैध खोमचों पर आबकारी विभाग सख्ती से कार्रवाई करेगी. सख्ती के साफ संकेत देते हुए उन्होंने कहा कि बहुत जल्द  प्रदेश में प्रतिबंधित गुटखे और बेरोकटोक चल रहे खोमचो पर सीधी कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी.

जिला भाजपा संवाद प्रमुख कवींद्र जैन ने इस मामले में प्रदेश सरकार पर ही अवैध कारोबार में शामिल होने के आरोप लगाए है. भाजपा की तरफ से सीधा आरोप है कि मीडिया के सामने मंत्री कार्रवाई का वादा करने के लिए मजबूर थे, लेकिन हकीकत में अधिकारी से लेकर सरकार तक सभी गुटखे के अवैध कारोबार में खुद हिस्सेदार है. उन्होंने कहा कि इसी तरह अवैध खोमचे भी उन्हीं के चल रहे है जो आबकारी अधिकारियों को रिश्वत देते है. भाजपा ने यहां तक कह दिया कि शराब के सरकारी दुकानों में निजी कंपनियों की शराब सीधे बेची जा रही है, इसका बड़ा हिस्सा सरकार में बैठे रसूखदार नेता और अधिकारियों तक पहुंचता है.

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