November 23, 2024

बाजारों में भी हाथोंहाथ लिए जा रहे एयरटेल के परपेचुअल बॉन्ड

0

मुंबई
सुप्रीम कोर्ट के एक ऑर्डर से भारती एयरटेल का कारोबारी भविष्य अच्छा नजर आ रहा है। ऐसे में कंपनी की सिक्यॉरिटीज के दाम में उछाल सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रह गया है। पिछले साल अक्टूबर में बेचे गए टेलिकॉम कंपनी के परपेचुअल बॉन्ड (आधा इक्विटी-आधा डेट इन्स्ट्रूमेंट) में निवेशकों के ज्यादा उत्साह दिखाने से उसकी यील्ड शुक्रवार को 61 बेसिस पॉइंट्स की तेज गिरावट के साथ सबसे निचले स्तर पर आ गई थी। इससे भारती एयरटेल के लिए फंडिंग कॉस्ट कम हो गई है। 100 बेसिस पॉइंट एक पर्सेंटेज पॉइंट के बराबर होता है और बॉन्ड की यील्ड और उसकी कीमत में उल्टा रिश्ता होता है।

भारती एयरटेल की फाइनैंशल पोजिशन बेहतर होने की उम्मीद पर लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स उसको लेकर बुलिश हो गए हैं। उनका अनुमान है कि एयरटेल रिलायंस जियो इन्फोकॉम के साथ इंडियन मार्केट की दो अहम फोन कंपनियों में एक होगी। देश की तीसरी प्राइवेट कंपनी वोडाफोन आइडिया है। ब्लूमबर्ग के डेटा के मुताबिक भारती एयरटेल के परपेचुअल बॉन्ड की यील्ड शुक्रवार को 5.62% रही जो 14 नवंबर को 6.23% पर थी।

सेरेनिटी मार्क पार्टनर्स के फाउंडर और मैनेजिंग पार्टनर मनीष वधावन कहते हैं, 'ग्लोबल इन्वेस्टर्स को वॉल्यूम में बढ़ोतरी के बीच कंपनी के बॉन्ड की कीमत में उछाल आने की संभावना लग रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन्वेस्टर्स इंडियन टेलिकॉम में डुओपॉली बनने की उम्मीद कर रहे हैं। ऐसा होने पर भारती का क्रेडिट प्रोफाइल बेहतर होगा और इससे उसके क्रेडिट प्रोफाइल की रीरेटिंग हो सकती है।' पिछले तीन महीनों में ग्लोबल बेंचमार्क 10 साल के ट्रेजरी बॉन्ड की यील्ड में सिर्फ 25 बेसिस पॉइंट की कमी आई है।

भारती एयरटेल ने पिछले साल अक्टूबर में 5.65% यील्ड पर परपेचुअल ऑफशोर बॉन्ड बेचे थे। कंपनी ने सरकारी बकाया चुकाने के मकसद से इन बॉन्ड्स के जरिए 75 करोड़ डॉलर जुटाए थे। यूरोप, एशिया और अमेरिका के ऐसेट मैनेजर्स, इंश्योरेंस कंपनियां, पेंशन फंड और बैंकों ने इसमें पैसा लगाया था। एयरटेल की मॉरिशस वाली सब्सिडियरी नेटवर्कi20i ऑफिशल बॉरोअर थी। पिछले हफ्ते भारती एयरटेल ने 25 करोड़ डॉलर के बॉन्ड बेचे थे।

दोनों कंपनियों के साथ बिजनस रिलेशंस वाले इन्वेस्टमेंट बैंकर ने कहा, 'भारती एयरटेल की वित्तीय स्थिति वोडाफोन के मुकाबले काफी अच्छी नजर आ रही है। इसी वजह से एयरटेल की तरफ निवेश खिंचे चले आ रहे हैं।' आमतौर पर इन्वेस्टमेंट ग्रेड से नीचे और ऊंची यील्ड वाले भारतीय बॉन्ड का विदेशी बाजार ज्यादा लिक्विड नहीं होता। ग्लोबल रेटिंग कंपनियों ने नेटवर्क i2i की रेटिंग BB तय की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *