November 24, 2024

मुख्य धारा से छूटे लोगों को जोड़ने के लिए हो अधिकारियों का ओरिएंटेशन कोर्स

0

भोपाल
मुख्य धारा से छूट गये लोगों को मुख्यधारा में लाने के संबंध में प्रभावी कार्यवाही सुनिष्चित करने के लिए आईएएस और अन्य अधिकारियों का ओरिएंटेशन कोर्स होना चाहिए। संचालक सामाजिक न्याय कृष्णगोपाल तिवारी ने अटल बिहारी बाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में व्याख्यान माला 'असरदार परिवर्तन-टिकाऊ परिणाम' में 'वे फारवर्ड टू इनक्लूड द इक्सक्लूडेड' विषय पर विचार व्यक्त करते हुए यह बात कही।

तिवारी ने कहा कि नौकरी करने से कहीं अधिक कठिन है दिव्यांग को नौकरी हासिल करना। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को इसी समाज में रहना है, अत: 40 से 80 प्रतिशत तक के दिव्यांगों को सामान्य स्कूलों में ही अध्ययन की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों की क्षमताओं को जाने बगैर कई बार निर्णय होन से उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने में कठिनाई होती है। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त पाठ्यक्रम के रूप में सभी बच्चों को ब्रेल लिपि और साइन लेंग्वेज के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। इससे उन्हें दिव्यांगों के साथ जुड़ने में मदद मिलेगी।

एटीट्यूड बदलने की जरूरत

तिवारी ने कहा कि तथाकथित पढ़े लिखे लोगों को एटीट्यूड बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कई बार नकारात्मक दृष्टिकोंण के कारण दिव्यांगों के हित में सही निर्णय नहीं हो पाते हैं।

इवेन्ट + रिस्पांस = आउटकम

तिवारी ने कहा कि किसी भी घटना के बाद व्यक्ति के रिस्पांस पर उसका परिणाम सामने आता है। वह या तो सकारात्मक या नकारात्मक होता है। उन्होंने इस संबंध में थामस एडिसन की लैब के जल जाने और अन्य घटनाओं का दृष्टांत दिया। तिवारी ने कहा कि दिव्यांगों की सुविधाओं के लिए नित नये उपकरण बनाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नई तकनीकों के सहारे दिव्यांग बेहतर जीवन जी सकते हैं।

सहानुभूति नहीं अवसरों की जरूरत

संस्थान के महानिदेशक आर. परशुराम ने कहा कि दिव्यांगों को सहानुभूति नहीं अवसरों की जरूरत है। यह समाज और सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि तिवारी के साथ मिलकर संवेदनशीलता और उन्नत विचारों के साथ दिव्यांगों के संबंध में बेहतर नीति बनायी जायेगी। परशुराम ने कहा कि इंटीग्रेशन और इनक्लूजन के प्रयास तो लगातार किये जा रहे हैं, लेकिन अभी उतनी सफल्ता नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि अच्छा टीचर वह है जो कमजोर छात्रों पर अधिक ध्यान देता है।

व्याख्यान माला में तिवारी ने श्रोताओं के प्रश्नों का उत्तर भी दिया। उन्होंने समापन प्रेरक कविता से किया। इस दौरान प्रमुख सलाहकार एम.एम. उपाध्याय, मंगेश त्यागी और गिरीश शर्मा भी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *