96 लाख सैलरी, सैंडविच चुराने में गई नौकरी

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नई दिल्ली
किसी गरीब व्यक्ति द्वारा खाने की चीज चुराने की खबर आए तो अटपटा नहीं लगता है। लेकिन अगर लाखों की सैलरी पाने वाला कोई सैंडविच की चोरी करे तो यह जरूर अजीबोगरीब घटना बन जाती है। ऐसा ही कुछ हुआ है सिटी बैंक के एक हाई-प्रोफाइल बैंकर के साथ। ऊंची सैलरी पाने वाले एक हाई-प्रोफाइल बैंकर को कथित तौर पर सैंडविंच चुराने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। 31 वर्षीय पारस शाह लाखों में सैलरी पाते हैं। पिछले महीने उन्हें सिटीग्रुप के यूरोप, मध्य एशिया और अफ्रीका के हाई-प्रोफाइल ट्रेड हेड के पद से हटा दिया गया।

यूरोप के सबसे हाई-प्रोफाइल क्रेडिट ट्रेडर
फाइनैंशल टाइम्स की खबर के मुताबिक, बैंक ने उन पर चोरी के अलग-अलग आरोप लगने के बाद हटा दिया। उन पर ईस्ट लंदन में कैनरी वार्फ स्थित बैंक के हेडक्वार्टर से खाना चुराने के कई आरोप लगे हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि शाह पर कितने सैंडविच चुराने के आरोप लगा है। इसके अलावा कथित चोरी करने के समय का भी पता नहीं चला है। गौर करने वाली बात है कि यूरोप के सबसे हाई-प्रोफाइल क्रेडिट ट्रेडर होने के बावजूद उन पर ये आरोप लगे हैं।

इम्पलॉय रिव्यू वेबसाइट ग्लासडोर का कहना है कि एक क्रेडिट ट्रेडर की औसत सैलरी 1,83,740 पाउंड होती है। लेकिन पारस शाह को सिटी बैंक में उनके वरिष्ठ पद के लिए कहीं ज्यादा तनख्वाह मिलती रही (करीब 92 लाख रुपये) है। बैंकिंग से जुड़े एक सूत्र ने प्रेस असोसिएशन न्यूज एजेंसी को बताया कि दूसरे बैंक में इसी पद पर रहने वाले को 1 मिलियन पाउंड से कहीं ज्यादा तनख्वाह मिलती है। गौर करने वाली बात है कि उन्हें बैंक ने ऐसे समय में हटाया है जब सिटीग्रुप अपने कर्मचारियों के लिए बोनस की घोषणा करने वाला था।

HSBC के बाद जॉइन किया था सिटी बैं
पारस शाह की लिंक्डइन प्रोफाइल से पता चलता है कि उन्होंने 2010 में यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ से इकनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने HSBC की फिक्स्ड-इनकम ट्रेडिंग डिविजन स्कीम जॉइ की और 7 साल तक बैंक के साथ काम किया। 2017 में उन्होंने सिटी बैंक जॉइन कर लिया। पारस की प्रोफाइल के मुताबिक उन्हें सिर्फ दो महीने बाद ही सिटी बैंक के यूरोप, मध्य एशिया और अफ्रीका के हाई-यील्ड क्रेडिट ट्रेडिंग के हेड के तौर पर प्रमोट कर दिया गया था।
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उनके फेसबुक पेज के मुताबिक उन्हें छुट्टियां बिताना पसंद हैं और वह जॉर्डन व पेरू जा चुके हैं। गौर करने वाली बात है कि निजी दुर्व्यवहार के लिए खुद को मुसीबत में डालने वाले वह पहले बैंकर नहीं हैं।

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