शिकारियों के फंदे से घायल हुए तेंदुए ने इलाज के दौरान दम तोड़ा
जबलपुर
जबलपुर में दो दिन पहले घायल (Injured) मिले तेंदुए (leopard) की मौत (maut) हो गयी है. दो दिन से उसका स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ एंड फॉरेंसिक लैब (स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ एंड फॉरेंसिक लैब) में इलाज चल रहा था. ये तेंदुआ शिकारियों (hunters) के लगाए तार के फंदे में फंस गया था और उसकी पीठ में रीढ़ की हड्डी (spinal cord) तक गहरा ज़ख़्म हो गया था.
जबलपुर के ग्वारीघाट थाना अंतर्गत छिवला गांव में मंगलवार को एक तेंदुआ बुरी तरह ज़ख़्मी हालत में मिला था. दो दिन तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करने वाले तेंदुए ने गुरुवार को दम तोड़ दिया. उसका वेटरनरी अस्पताल स्थित स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ एंड फॉरेंसिक लैब में गुरूवार की दोपहर ऑपरेशन किया गया था. लेकिन स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम भी उसे नहीं बचा पाई. तेंदुए की मौत के बाद जिला प्रशासन शिकारियों को पकड़ने के लिए और ज्यादा गंभीर हो गया है.
जहां तेंदुआ घायल मिला था वो सैन्य क्षेत्र है. शिकारियों ने मंगलवार की सुबह सीओडी की तार फेंसिंग में तार काटकर फंदा बना दिया था. ये तेंदुआ उसमें फंसकर घायल हो गया था.सूचना मिलने पर वन विभाग, पुलिस और वन्य प्राणि विशेषज्ञों की टीम मौके पर पहुंची और करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद वो तेंदुए को घायल अवस्था में फंदे से बाहर निकाल पायी थी.
फंदे में फंसे होने के दौरान तेंदुए की पीठ में गहरा घाव हो गया था. बताया जा रहा है घाव के कारण इंफेक्शन उसके शरीर के अन्य भागों तक फैल गया था. गुरुवार दोपहर स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स ने तेंदुए का इलाज किया और कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई. शुक्रवार को मृत तेंदुए का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा और फिर वन विभाग उसका अंतिम संस्कार करेगा.
शिकारियों को पकड़ने की कवायद तेजतेंदुए की मौत के बाद यह भी तय हो गया है कि जबलपुर के आसपास मौजूद वन्य प्राणियों का जीवन संकट में है. कलेक्टर ने तेंदुए की मौत को दुखद मानते हुए शिकारियों की पहचान करने और जल्द से जल्द पकड़ने का भरोसा जताया है.