बैंकों का प्रॉफिट बढ़ने पर एंप्लॉयीज को 10-21 दिनों की एक्स्ट्रा सैलरी!
कोलकाता
इंडियन बैंक्स असोसिएशन (आईबीए) ने बैंक एंप्लॉयीज के लिए पर्फाॅर्मेंस से जुड़ी एक इन्सेंटिव स्कीम का प्रपोजल दिया है। इसमें आॅपरेटिंग प्रॉफिट में कम से कम 5 पर्सेंट की सालाना बढ़ोतरी वाले बैंकों के एंप्लॉयीज को 10 दिन की अतिरिक्त सैलरी दी जाएगी। सैलरी बढ़ाने पर बातचीत के लिए आईबीए और बैंक यूनियंस की मीटिंग में इस स्कीम पर चर्चा की गई। मीटिंग की अध्यक्षता स्टेट बैंक आॅफ इंडिया के चेयरमैन रजनीश कुमार ने की, जो आईबीए के भी अध्यक्ष हैं।
स्कीम के तहत आईबीए ने आॅपरेटिंग प्रॉफिट में 10-15 पर्सेंट की वृद्धि करने वाले बैंकों के एंप्लॉयीज को 14 दिन की अतिरिक्त सैलरी देने की पेशकश की है। जिन बैंकों का प्रॉफिट 15 पर्सेंट से अधिक बढ़ेगा उनके एंप्लॉयीज को 21 दिनों की अतिरिक्त सैलरी दी जाएगी। इससे पहले आईबीए ने बैंकों के प्रदर्शन को आंकने के लिए आॅपरेटिंग प्रॉफिट और रिटर्न आॅन ऐसेट्स (आरओए) दोनों को मापदंड बनाने की बात कही थी।
सूत्रों ने बताया कि 14 दिन या 21 दिन की अतिरिक्त सैलरी वाले पर्फाॅर्मेंस से जुड़े बेनिफिट के लिए आरओए को भी देखा जा सकता है। आईबीए ने बैंकों की खराब वित्तीय स्थिति का कारण बताते हुए सैलरी में बढ़ोतरी के अपने आॅफर को 12 पर्सेंट से कुछ बढ़ाकर 12.25 पर्सेंट कर दिया है। हालांकि, इसने बैंकों के कामकाजी दिन घटाकर एक सप्ताह में पांच करने की मांग अस्वीकार कर दी है।
सूत्रों ने कहा कि बैंक यूनियंस ने सैलरी में बढ़ोतरी के प्रपोजल को मानने से मना कर दिया है। यूनियंस ने आईबीए से आरओए को पर्फाॅर्मेंस से जुड़े बेनिफिट से नहीं जोड़ने को कहा है। यूनियंस की दलील है कि आरओए बैड लोन के लिए प्रोविजन पर निर्भर करता है और बैंक के आॅपरेटिंग प्रॉफिट हासिल करने पर भी यह नेगेटिव हो सकता है।
विभिन्न बैंक यूनियंस का प्रतिनिधित्व करने वाली यूनाइटेड फोरम आॅफ बैंक यूनियंस ने अपने सदस्यों को बताया है, आईबीए चेयरमैन ने बैंकिंग सेक्टर की स्थिति और विशेषतौर पर सरकारी बैंकों की मुश्किलों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सैलरी में बढ़ोतरी की हमारी मांगों को मानने से पहले इन मुश्किलों को देखना होगा।
यूनियंस ने पहले परफॉर्मेंस से जुड़े इन्सेंटिव पर सहमति दी थी, लेकिन इसे और स्पष्ट करने को कहा था। बैंकों के ऐनुअल रिजल्ट की घोषणा करने के बाद इन्सेंटिव को कैलकुलेट किया जाएगा। इसे अगले फाइनैंशल इयर से लागू किया जा सकता है। बैंकों और यूनियंस के बीच वेतन में बढ़ोतरी पर समझौता प्रत्येक पांच वर्ष में होता है। अभी 11वें द्विपक्षीय वेतन समझौते पर बातचीत हो रही है। वेतन में यह बढ़ोतरी 1 नवंबर, 2017 से लागू होनी है। आईबीए की ओर से सैलरी में 12.25 पर्सेंट की बढ़ोतरी के प्रपोजल के आधार पर बैंकों को मार्च 2017 में समाप्त हुए वित्त वर्ष में अपने 52,625 करोड़ रुपए के बेस सैलरी बिल पर 6,447 करोड़ रुपए के अतिरिक्त वेतन का भुगतान करना होगा।