कानपुर में पुलिस से वामपंथी श्रम संगठनों के नेताओं से तीखी झड़प
लखनऊ
देश के विभिन्न केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की आज देशव्यापी हड़ताल है। नए मजदूर विरोधी श्रम कानूनों के विरोध और बेरोजगारी-महंगाई, निजीकरण, एनआरसी-सीएए के खिलाफ उन्होंने इसका आह्वान किया है। हड़ताल को विभिन्न श्रमिक संगठनों व वाम दलों ने भी समर्थन देने की घोषणा की है।
श्रम संगठनों की औद्योगिक बंदी का बुधवार को मिलजुला असर रहा। भारतीय स्टेट बैंक छोड़कर सभी बैंकों में सुबह से हड़ताल रही। दादानगर में वामपंथी संगठनों ने श्रमिकों और कर्मचारियों को रोकने की कोशिश की तो पुलिस से वामपंथी श्रम संगठनों के नेताओं से तीखी झड़प हो गई। झड़प का नतीजा रहा कि आधे कर्मचारी दादानगर में फैक्ट्रियों में चले गए।
बरेली के कोनों-कोनों से श्रम और कर्मचारी संगठन रैली के रुप में आयकर भवन पहुंचे। यहां सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। आयकर कर्मचारी महासंघ के जोनल सचिव रवींद्र कुमार सिंह ने कहा कि महा हड़ताल सरकार की आंखें खोल देगी। ट्रेड यूनियन का संजीव मेहरोत्रा, राजीव शांत, सतीश मेहता, गीता शांत, सुनील मिश्रा, कमलेश मौर्या, संजय कौशल, राजेश कुमार, राजीव सक्सेना, संचित जैन, त्रिलोक दयाल, कुलदीप गंगवार आदि मौजूद रहे।
ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को बीमा, बैंकों, डाकघरों समेत कई केंद्रीय विभागों में कामकाज ठप। गाजीपुर प्रधान डाकघर के बाहर ताला बंद कर प्रदर्शन करते कर्मचारी।
इसके साथ ही प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर व अभियंता भी आज कार्य का बहिष्कार कर रहे हैं संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि निजीकरण के विरोध के अलावा बिजली निगमों के एकीकरण, पुरानी पेंशन बहाली और वेतन विसंगति की मुख्य मांगों के प्रति केन्द्र व राज्य सरकार के ध्यानाकर्षण के लिए कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि कार्य बहिष्कार आंदोलन से बड़े उत्पादन गृहों, 400 व 765 के वी पारेषण व सिस्टम ऑपरेशन की शिफ्ट के कर्मचारियों को अलग रखा गया है जिससे बिजली का ग्रिड पूरी तरह फेल न हो आम लोगों को तकलीफ न हो।
पावर आफिसर्स एसोसिएशन कार्य बहिष्कार नहीं करेगा
यूपी पावर आफिसर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को फील्ड हॉस्टल में प्रांतीय कार्यसमिति की बैठक की। इस दौरान सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि निजीकरण के विरोध में दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंता हमेशा आगे रहेंगे, लेकिन आठ जनवरी के कार्य बहिष्कार में शामिल नहीं होंगे। एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि संगठन के सभी सदस्य पूर्व की भांति कार्य जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि निजीकरण के विरोध में एक प्रस्ताव पास कर केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार को भेज देंगे। यदि प्रस्ताव पर विचार न किया गया तो आगे की रणनीति तय की जायेगी।