ईरान का दावा- US सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले में 80 अमेरिकी सैनिकों की मौत
तेहरान
अपने सबसे ताकतवर जनरल की हत्या से गुस्साए ईरान ने बुधवार अल सुबह इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर 22 मिसाइल दागे। ईरान ने दावा किया है कि उसकी 17 मिसाइलों ने अमेरिका के अइन अल-असद एयरबेस को निशाना बनाया है। ईरान का दावा किया है कि इस हमले में 80 अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं। उधर, ईरानी दावे का अमेरिका ने खंडन किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ने कहा है कि इन हमलों में कोई भी अमेरिकी सैनिक हताहत नहीं हुआ है।
ईरान के हमले में 80 लोग मारे गए
ईरानी टीवी चैनल प्रेस टीवी ने ट्वीट कर कहा, 'ईराक में अमेरिकी ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमलों में 80 मारे गए।' ईरान सरकार की ओर से जारी बयान में गया है कि उसकी दो मिसाइलें हेइतान में गिरीं लेकिन उनमें विस्फोट नहीं हुआ। इसके अलावा 5 मिसाइलों ने इरबिल में अमेरिकी ठिकाने को निशाना बनाया है। इस हमले में इराक की सेना को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
हमले के बाद ट्रंप बोले-'ऑल इज वेल'
हालांकि, अमेरिका का कहना है कि मिसाइल हमलों के बाद सब ठीक-ठाक है। खुद राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, 'ऑल इज वेल! इराक में अमेरिका के दो सैन्य ठिकानों पर ईरान की तरफ से मिसाइलें दागी गईं। जान-माल के नुकसान के आकलन किया जा रहा है। अब तक सब ठीक है।' ट्रंप यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा, 'हमारे पास दुनिया की सबसे ताकतवर और सुसज्जित सेना है। मैं कल सुबह बयान दूंगा।'
जनरल सुलेमानी की हत्या के बाद भड़का ईरान
दरअसल, अमेरिका ने राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश पर 3 जनवरी को इराक के बगदाद में ईरान के दूसरे बड़े ताकतवर शख्स जनरल कासिम सुलेमानी को मार दिया। सुलेमानी ईरानी रिवॉल्युशनरी गार्ड के कुद्स फोर्स के कमांडर थे। उनकी हैसियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह सीधे ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अल खामेनी को रिपोर्ट किया करते थे। उनकी हत्या के बाद ईरान में अमेरिका के प्रति काफी रोष है और खामेनी, राष्ट्रपति हसन रुहानी समेत तमाम बड़े नेता और जनरल सुलेमानी की जगह लेने जा रहे नए जनरल इस्माइल गनी तक ने अमेरिका से बदले की बात कह रहे हैं।