November 23, 2024

बेटे की जान की भीख मांगती रही दोषी की मां, पीड़िता की मां बोलीं- मेरी भी बेटी थी

0

नई दिल्ली.

निर्भया गैंगरेप और हत्या (Nirbhaya Gang Rape Case) के मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को चारों दोषियों का डेथ वॉरंट जारी कर दिया है. 22 जनवरी को सुबह 7 बजे चारों दोषियों को फांसी पर लटका दिया जाएगा. वहीं, कोर्ट फैसले से कुछ क्षण पहले दोषियों में से एक मां अपने बेटे की जिंदगी बख्श देने की भीख मांग करती नजर आई.

 

 

मीडियो रिपोर्ट के अनुसार, दोषी मुकेश सिंह की मां सुनवाई के बिल्कुल अंतिम चरण में अदालत कक्ष में आई और निर्भया की मां की साड़ी पकड़कर बेटे जान की भीख मांगने लगी. आरोपी की मां कहने लगी, ‘मेरे बेटे को माफ कर दो, मैं उसकी जिंदगी की भीख मांगती हूं. वह रोती रही. उधर, निर्भया की मां ने भी रोते हुए जवाब दिया, ‘मेरी भी बेटी थी… उसके साथ क्या हुआ, मैं कैसे भूल जाऊं…? मैं इंसाफ के लिए इस 7 साल से इंतजार कर रही हूं.’

 

मेरी बेटी को मिला इंसाफ'

इसके बाद जज ने कोर्ट में शांति बनाए रखने का आदेश दिया. फैसले के बाद निर्भया के मां ने कहा कि चारों दोषियों को फांसी दिए जाने से महिलाओं को मजूबती मिलेगी. उन्होंने कहा कि इस फैसले से न्यायिक व्यवस्था पर लोगों का विश्वास मजबूत होगा. मेरे लिए 22 जनवरी बड़ा दिन होगा और मेरी बेटी को इंसाफ मिल जाएगा.

 

निर्भया के पिता ने कहा- फैसले से खुश हूं

निर्भया के पिता ने कहा, ' मैं कोर्ट के फैसले से खुश हूं. दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी. इस फैसले से ऐसे अपराध को अंजाम देने वालों अपराधियों के मन में डर पैदा होगा.'

 

क्या है मामला?

ये मामला 16 दिसंबर 2012 की रात का है. दिल्ली में चलती बस में एक 23 साल की पैरामेडिकल स्टूडेंट के साथ 6 लोगों ने गैंगरेप किया. फिर सभी ने मिलकर उसके साथ हैवानियत की हद पार की. बाद में पैरामेडिकल स्टूडेंट को मरने के लिए सड़क पर फेंक दिया. इलाज के दौरान कुछ दिनों बाद उसकी मौत हो गई थी. दिल्ली की निचली अदालत ने 13 सितंबर, 2013 को चारों दोषियों अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और मुकेश को फांसी की सजा सुनाई थी. चारों की सजा कन्फर्म करने के लिए मामले को हाई कोर्ट को रेफर किया था. हाई कोर्ट ने 13 मार्च 2014 को चारों दोषियों की अपील भी खारिज कर दी थी. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी और वहां भी दोषियों की अपील खारिज हो गई थी. इस बीच ट्रायल के दौरान मुख्य आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी, जबकि एक अन्य नाबालिग 3 साल बाल सुधार गृह में रहने के बाद छूट चुका है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *