मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: सुप्रीम कोर्ट से बोली CBI- शेल्टर होम में नहीं हुई थी किसी लड़की की हत्या
मुजफ्फरपुर. बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस (Muzaffarpur Shelter Home Case) में नया खुलासा सामने आया है. इस मामले की जांच कर रही सीबीआई (CBI) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि शेल्टर होम में किसी लड़की की मौत नहीं हुई. सीबीआई की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दावा किया है कि इस केस में हत्या (Murder) का कोई सबूत नहीं मिला और सभी 35 लड़कियों को जीवित पाया गया.
शेल्टर होम से मिली हड्डियां वयस्कों की
सीबीआई के मुताबिक, 'जिनकी हत्या का शक जताया गया था वो सारी लड़कियां जीवित पाई गई हैं. वहां से मिली हड्डियां कुछ अन्य वयस्कों की पाई गई हैं.' सीबीआई ने अपनी जांच में यह साफ किया है कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में किसी भी नाबालिग की हत्या नहीं की गई थी. इस केस में सुनवाई फिलहाल जारी है.
मुख्य आरोपी है ब्रजेश ठाकुर
इस केस में दिल्ली की साकेत कोर्ट आगामी 14 जनवरी को अपना फैसला सुना सकती है. मुख्य मामले में आरोपी ब्रजेश ठाकुर है. ब्रजेश ठाकुर द्वारा चलाए जा रहे बालिका आश्रय गृह में 40 से अधिक नाबालिग लड़कियों का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया था. सीबीआई ने 4 आश्रय गृहों के खिलाफ अपनी प्रारंभिक जांच में किसी भी अपराध के सबूत नहीं पाए और इनके खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है.
पॉक्सो, रेप और अन्य मामलों में केस
आपको बता दें कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 40 नाबालिग बच्चियों और लड़कियों से रेप होने की बात सामने आई थी. इस मामले में शेल्टर होम का संचालक ब्रजेश ठाकुर प्रमुख आरोपी है. आरोप है कि जिस शेल्टर होम में बच्चियों के साथ रेप हुआ था, वो ब्रजेश ठाकुर का है. इस मामले में ब्रजेश ठाकुर के अलावा शेल्टर होम के कर्मचारी और बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भी आरोपी हैं. मामले के सुर्खियों में आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे बिहार से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था, जिसके बाद साकेत कोर्ट में इसकी सुनवाई चल रही है. कोर्ट ने 20 मार्च 2018 को मामले में आरोप तय किए थे. आरोपियों में 8 महिलाएं और 12 पुरुष शामिल हैं. कोर्ट ने बृजेश ठाकुर समेत 21 आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो, रेप, आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं के तहत आरोप तय किए थे.