November 23, 2024

1 फरवरी 2020 को पेश होगा आम बजट, निर्मला सीतारमण बदल चुकी हैं 159 साल की परंपरा

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नई दिल्ली.

केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) के दूसरे कार्यकाल का दूसरा आम बजट (Budget 2020) 1 फरवरी 2020 को पेश होगा. संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने बुधवार को इस बात की घोषणा कर दी है. इस बजट सेशन (Budget Session) की तैयारी जोरों से शुरू हो चुकी है. इस बजट से सभी को काफी उम्मीदें हैं. लेकिन, सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती देश की इकोनॉ‍मिक ग्रोथ को पटरी पर लाना है. आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्रीफकेस परंपरा को बदल दिया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज जब बजट की कॉपी लेकर निकलीं तो उनके हाथ में लाल सूटकेस की जगह लाल रंग के कपड़े में बजट की कॉपी लिपटी नजर आई.

 

जब पहले बजट में तोड़ी 159 साल पुरानी परंपरा- वित्त मंत्री के हाथ में लाल रंग का अशोक स्तंभ चिह्न वाला एक कपड़ा था. हमेशा बजट की कॉपी सूटकेस में ले जाने की परंपरा रही है, लेकिन निर्मला सीतारमण ने इस परंपरा को तोड़ते हुए बजट की कॉपी लाल रंग के कपड़े में रखी. ऐसा पहली बार हुआ जब ब्रीफकेस की जगह बजट दस्तावेज को एक लाल रंग के कपड़े में संसद लाया गया हो. इसके साथ ही इसे बजट नहीं बल्कि बही खाता कहा जा रहा है, ऐसे में कहा जा सकता है कि मोदी सरकार इस बार संसद में बजट नहीं बल्कि बहि खाता पेश करेगी.

 

इससे पहले भी मोदी सरकार खत्म कर चुकी हैं 92 साल पुरानी प्रथा

 

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में तत्‍कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 92 साल पुरानी प्रथा को खत्म कर दिया था. साल 2017 से रेलवे बजट की घोषणाएं भी आम बजट में ही वित्त मंत्री करने लगे. इससे पहले रेल मंत्री आम बजट से एक दिन पहले रेलवे बजट संसद में पेश करते थे.

 

>> आम बजट में रेलवे बजट को मर्ज करने के साथ ही जेटली ने बजट पेश करने की तारीख भी बदल दी. बजट अब करीब एक महीना पहले 1 फरवरी को पेश होने लगा है. साथ ही इकॉनमिक सर्वे भी 31 जनवरी को आने की शुरुआत हो गई.

 

>> अलग रेलवे बजट की प्रथा 1924 में ब्रिटिश शासन में शुरू की गई थी, क्योंकि सरकार के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) रेलवे द्वारा अर्जित राजस्व पर निर्भर रहता था. उस समय रेलवे से प्राप्त राजस्व अनुपातिक रूप से बहुत अधिक था. रेलवे का बजट कुल केंद्रीय बजट के 80 फीसदी से अधिक होता था.

 

>> नीति आयोग ने भी सरकार को दशकों पुराने इस चलन को खत्म करने की सलाह दी थी. काफी विचार-विमर्श और अलग-अलग अथॉरिटीज के साथ मंथन के बाद सरकार ने रेलवे बजट को आम बजट में मिलाने का फैसला किया.

 

>> यह विचार व्यावहारिक था क्योंकि यूनियन बजट की तुलना में अब रेलवे बजट का हिस्सा बहुत कम है. तत्‍कालीन वित्त मंत्री जेटली ने 2017 में केंद्रीय और रेलवे बजट को एक साथ पेश किया.

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