अब नए साल में ही BJP को मिलेगा MP का ‘सेनापति’, प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में पिछड़ गई पार्टी
भोपाल
नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Act) पर उलझी बीजेपी (BJP) आखिरकार अपना 'सेनापति' चुनने की रेस में पिछड़ गई. 2019 खत्म होने की कगार पर है, लेकिन नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर फिलहाल कोई सरगर्मी नहीं है. माना जा रहा है कि केंद्रीय संगठन की ओर से CAA पर नए निर्देश मिलने की वजह से प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन प्रक्रिया को फिलहाल रोक दिया गया है. अब ये काम नागरिकता संशोधन कानून पर जागरूकता अभियान खत्म होने के बाद ही होगा. दरअसल, सीएए पर विरोध-प्रदर्शन के बाद मध्य प्रदेश बीजेपी को भी कैंपेन चलाने की जिम्मेदारी दी गई है. प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह (Rakesh Singh) और संगठन महामंत्री सुहास भगत लगातार इसको लेकर बैठकें कर रहे हैं. इसी वजह से अध्यक्ष का चुनाव टल गया है.
प्रदेश अध्यक्ष से पहले बीजेपी में जिलाध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया हो चुकी है. 33 जिलाध्यक्षों के नाम का ऐलान भी किया जा चुका है. माना जा रहा था कि दिसंबर में प्रदेश अध्यक्ष का निर्वाचन हो जाएगा, लेकिन CAA पर मचे सियासी घमासान के बीच बीजेपी को नया 'सेनापति' नए साल में ही मिलेगा, ये तय हो गया है. प्रदेश अध्यक्ष की रेस में मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के अलावा, प्रभात झा, शिवराज सिंह चौहान, भूपेंद्र सिंह, बीडी शर्मा के नाम सामने आए थे. सीएए पर बीजेपी ने घर-घर पहुंचने का प्लान बनाया है. इसके तहत 1 से 10 जनवरी तक जनसंपर्क अभियान, पंचायत स्तर की संगोष्ठी, नागरिकता अधिकार सम्मान कार्यक्रम होना है. 1 से 8 जनवरी तक प्रबुद्धजन संगोष्ठी, 1 से 20 जनवरी तक हस्ताक्षर अभियान और 5 से 20 जनवरी तक रैली व पैदल मार्च का कार्यक्रम है.
52 संगठनात्मक जिलों में जिलाध्यक्षों की रायशुमारी के बाद पहली सूची में पार्टी ने केवल 33 जिलाध्यक्षों के नामों का ही ऐलान किया है. 19 नामों का ऐलान बाकी है. सूत्रों की मानें तो भोपाल, इंदौर समेत 19 संगठनात्मक जिलों में बड़े नेताओं के बीच एक राय नहीं बन पाने की वजह से जिलाध्यक्ष के नामों की घोषणा नहीं हो सकी है. पार्टी विधान के मुताबिक, कुल संगठनात्मक जिलों में 50 फीसदी में जिलाध्यक्षों का निर्वाचन होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है. इस लिहाज से 57 संगठनात्मक जिलों में से 52 पर निर्वाचन की प्रक्रिया हुई थी, जिसमें से 33 जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा कर दी गई थी.