‘हादसों के शहर’ कोंडागांव ने इस जुगाड़ से बदली अपनी पहचान, 20 फीसदी कम हुए सड़क हादसे
कोंडागांव
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोंडागांव (Kondagaon) जिले की पहचान हादसों का शहर के रूप में थी. साल भर पहले सड़क दुर्घटना (Road Accident) के नाम पर कोंडागांव जिला पूरे प्रदेश में पहले नम्बर था, लेकिन कोंडागांव पुलिस (Police) के जुगाड़ की तकनीक से अब शहर की पहचान बदल गई है. पुलिस का दावा है कि उसकी जुगाड़ की तकनीक के कारण जिले में पिछले एक साल में 20 फीसदी तक हादसे (Accident) कम हुए हैं. देशी तकनीक का उपयोग कर हादसों में कमी लाने का दावा किया गया है.
कोंडागांव पुलिस (Kondagaon Police) से मिले आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से दिसंबर 2018 तक जिले में 269 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें से 259 घायल और 135 लोगों की मौत (Death) हुई. जबकि जनवरी से दिसंबर 2019 तक 235 सड़क हादसे हुए. इसमें 304 घायल व 104 लोगों की मौत हुई. दिसंबर 2019 में अब तक जिले में 11 सड़क हादसे हुए इनमें 17 घायल और 2 की मौत हुई है.
बस्तर की लाइफ लाइन कही जाने वाली नेशनल हाईवे 30 की 160 किलोमीटर सड़क में सडक दुर्घटना को रोकना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती थी. लगातार हो रही सड़क दुर्घटनओं को रोकने के लिए पुलिस कप्तान ने देशी तकनीकी से ब्लूमर तैयार करवा कर इस इसमे काबू पाया. एसपी सुजीत कुमार ने बताया की देशी तकनीकी से इस साल दुर्घटना में बीस प्रतिशत और और मृतकों संख्या में 30 प्रतिशत कमी आई है. एनएच 30 में ग्रामीण अंचल की सड़के भी आकर मिलती हैं. वही ठण्ड के समय कोहरा सड़क दुर्घटना सबसे बड़ा कारण है. एसपी सुजीत कुमार ने कहा कि ग्रामीण अंचल के लोगों को ट्रेफिक सिग्नल की जानकारी कम होती है. साथ ही तेज रफ़्तार सड़क दुर्घटना का कारण है. इसे देखते हुए सड़क के मोड़, गढ्ढे वाली जगह पर लगाए सेंड बैग दुर्घटना को रोकने के लिए कारगर साबित हुए हैं.