जम्मू-कश्मीर में सरकारी जॉब के लिए सुनहरा मौका, पहली बार देशभर से मंगाए आवेदन
श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने 33 नॉन गजटेड पोस्टों के लिए देशभर से आवेदन मंगाए हैं। राज्य से अनुच्छेद 370 और 35A के खात्मे के बाद जॉब के लिए यह पहला नोटिस है। ऐसा पहली बार है जब कश्मीर घाटी में सरकारी जॉब के लिए योग्यता कश्मीर और लद्दाख के 'स्थायी निवासियों' तक सीमित नहीं है। बता दें कि इस साल 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने दोनों अनुच्छेदों को खत्म कर दिया था।
बहुत अच्छा प्रयास है, लेकिन देशद्रोहियो ,गद्दारो और पाकिस्तानी आतंकवादियो के हमलो से कश्मीर राज्य के बाहर के नौकरी पाये नागरिको की सुरक्षा पर जायदा ध्यान देना होगा .
हाई कोर्ट की ओर से जारी विज्ञापन में स्टेनोग्राफर, टाइपिस्ट और ड्राइवर की नौकरी शामिल है। कोई भी आवेदक एक से अधिक पदों के लिए आवेदन कर सकता है। आरक्षित पदों के लिए चुनाव जम्मू-कश्मीर आरक्षण नियम 2005 के तहत होगा जिसमें कहा गया है कि 'उपलब्ध नौकरियां स्थायी निवासियों के पक्ष में होंगी।'
विज्ञापन में दिए कुल 33 पदों में से 17 ओएम (ओपन मेरिट) श्रेणी के हैं जिसका मतलब है कि जम्मू-कश्मीर के बाहर का कोई भी व्यक्ति इन पदों के लिए चुना जा सकता है। इससे पहले बीजेपी की क्षेत्रीय यूनिटों ने हाल ही में दिल्ली में अपने पार्टी के शीर्ष नेताओं को ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने मांग की थी कि नौकरियों में भर्ती से पहले कश्मीर युवाओं को 'कुछ रियायत' दी जाए।
बीजेपी यूनिटों ने मांग की थी कि ऐसे भारतीय नागरिक नागरिक जो 20 साल से राज्य में रह रहे हैं, उन्हें ही राज्य का स्थायी निवासी माना जाए। बीजेपी की जम्मू यूनिट के सूत्रों ने कहा कि उन्हें आशा है कि केंद्र सरकार केवल एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणी को आरक्षण देने के बजाय राज्य के सभी स्थायी निवासियों को आरक्षण देगी।
केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बाहर के लोगों को ऑनलाइन तरीके से जम्मू में रजिस्टार जनरल को अपना आवेदन सौंपना होगा। कश्मीर और लद्दाख में रह रहे लोगों को अपना आवेदन प्रधान जिला जजों के पास सौंपना होगा।