जेपी नड्डा की इंदौर रैली पर जुर्माने को लेकर सियासत शुरू, मंत्री जयवर्धन सिंह ने दी सफाई
इंदौर
मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह (Jaivardhan singh) ने कहा कि नई विज्ञापन नीति (New Advertisement Policy) में ये साफ किया गया है कि किसी भी रैली से पहले बैनर पोस्टर लगाने के लिए अनुमति लेना अनिवार्य है. अगर अनुमति नहीं ली जाएगी तो उसका जुर्माना (Fine) वसूला जाएगा. इसी प्रक्रिया के तहत जुर्माने की कार्रवाई की गई है. इस सवाल के जवाब में कि क्या कांग्रेस और सीएम की सभा में लगने वाले पोस्टरों को लेकर भी ऐसी ही कार्रवाई की जाएगी, इस पर जयवर्धन सिंह का कहना था कि नियम सबके लिए बराबर हैं. आपको बता दें कि इंदौर में बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा की 22 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए को लेकर रैली हुई थी. इस रैली में बिना अनुमति बैनर-पोस्टर लगाने पर नगर निगम की ओर से करीब 13 लाख 46 हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया गया था. बीजेपी ने जुर्माने की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित करार दिया था.
22 दिसंबर को बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा की रैली के आयोजन के बाद इंदौर नगर निगम के उपायुक्त लोकेन्द्र सिंह सोलंकी ने बीजेपी नगर अध्यक्ष को नोटिस भेजा था. नोटिस में ये कहा गया था कि रैली के दौरान पोस्टर बैनर लगाकर पार्टी का विज्ञापन करने पर इसे आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम 2017 का उल्लंघन माना गया है. बिना इजाज़त बैनर, पोस्टर और होर्डिंग्स लगाने पर नगर पालिक अधिनियम 1956 की धारा 322 का उल्लंघन माना गया. इसमें 10,35,000 रूपयों का जुर्माना और उस पर 18 प्रतिशत के हिसाब से 1,86,300 का जीएसटी लगाया गया. इस हिसाब ये राशि कुल 12,21,300 रुपए हुई. बैनर-पोस्टर हटाने में 1,25,000 रुपए खर्च हुए. कुल 13,46,300 रुपए निगम के ट्रेजरी में अनिवार्य रूप से जमा कराना होगा.
जेपी नड्डा की रैली पर जुर्माना लगते ही इस पर सियासी संग्राम भी शुरु हो गया था. इंदौर की मेयर मालिनी गौड़ ने आरोप लगाते हुए कहा था कि जुर्माने की कार्रवाई राजनैतिक दुर्भावना से की गई कार्रवाई है. इंदौर नगर निगम के अधिकारी कांग्रेस के दबाव में काम कर रहे हैं. उन्होंने जुर्माने की राशि को भी बढ़ा चढ़ाकर लगाना बताया था. हालांकि इन सब आरोपों पर अब खुद नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने सफाई दी है.