पंचायत चुनाव की जमानत राशि में बड़ा घोटाला77 पंचायतों के प्रत्याशी लगा रहे दफ्तरों के चक्कर


शहडोल। पंचायत चुनाव 2022-23 को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें सोहागपुर जनपद की 77 पंचायतों में पंच और सरपंच प्रत्याशियों से ली गई 400-400 रुपये की जमानत राशि अब तक वापस नहीं की गई है। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब ग्राम पंचायत खैरहा के वार्ड क्रमांक 7 से निर्वाचित पंच नीलेश कुमार शर्मा ने अपनी जमानत राशि वापस पाने के लिए कई बार जनपद कार्यालय के चक्कर लगाए, लेकिन उन्हें हर बार केवल बहाने सुनने को मिले। पंचायती चुनाव संपन्न होने के बाद प्रत्याशियों को उम्मीद थी कि नियमानुसार छह महीने से एक साल के भीतर उनकी जमानत राशि वापस कर दी जाएगी। लेकिन सालों बीत जाने के बावजूद जब कोई भुगतान नहीं हुआ तो कई उम्मीदवारों ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की। इसी क्रम में नीलेश शर्मा ने भी अपनी राशि पाने के लिए सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई।

सीएम हेल्पलाइन में शिकायत, लेकिन समाधान नहीं
नीलेश कुमार शर्मा की शिकायत के बाद सीएम हेल्पलाइन ने मामले को निर्वाचन कार्यालय शहडोल भेज दिया। इसके बाद उन्हें सतीश पटेल नामक अधिकारी द्वारा फोन पर जानकारी दी गई कि जमानत राशि का भुगतान जनपद स्तर पर किया जाएगा। उन्हें सलाह दी गई कि वे पंचायत इंस्पेक्टर रेनू पांडे से संपर्क करें और अपनी राशि प्राप्त करें। नीलेश शर्मा जब पंचायत इंस्पेक्टर रेनू पांडे से मिले और अपनी राशि वापस करने की मांग की, तो उन्हें चौंकाने वाला जवाब मिला। पंचायत इंस्पेक्टर ने साफ कहा कि चुनाव के छह माह के भीतर राशि ले लेनी चाहिए थी, लेकिन अब यह शासन के खाते में जमा हो चुकी है और इसे वापस नहीं किया जा सकता।

पूर्व सचिव ने दिया था भुगतान का आश्वासन
खैरहा पंचायत के पूर्व सचिव तुलसी दास ने पंचों को यह भरोसा दिलाया था कि उनकी जमानत राशि चुनाव के एक साल बाद वापस कर दी जाएगी। पंचों ने भी इस भरोसे पर अपनी रसीद की फोटो कॉपी और आवेदन पत्र हस्ताक्षरित करके जमा करवा दिए। लेकिन अब जब भुगतान लेने का समय आया तो किसी भी पंच को राशि नहीं मिली। पूर्व सचिव तुलसी दास ने बताया कि उन्होंने समय पर सभी पंचों के आवेदन और रसीदें जनपद कार्यालय में जमा करवा दी थीं। लेकिन जब पंचायत इंस्पेक्टर रेनू पांडे से राशि वापस करने की बात की गई तो न तो कोई पावती दी गई और न ही कोई भुगतान किया गया। यह मामला अब केवल खैरहा पंचायत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे सोहागपुर जनपद की 77 पंचायतों में यह स्थिति बनी हुई है।

77 पंचायतों में भुगतान न होने से घोटाले की आशंका
अगर आंकड़ों की बात करें तो सोहागपुर जनपद में 77 पंचायतें हैं, जहां किसी को भी पंचायत चुनाव की जमानत राशि वापस नहीं मिली। अगर हर पंचायत में 20-25 पंच और सरपंचों ने चुनाव लड़ा था, तो यह रकम लाखों में पहुंचती है। अब सवाल यह उठता है कि इस राशि का आखिर क्या हुआ? अगर यह शासन के खाते में जमा कर दी गई, तो प्रत्याशियों को इसकी कोई जानकारी क्यों नहीं दी गई?
इनका कहना है
“आप रसीद मेरे नंबर पर व्हाट्सएप कर दीजिए, मैं देखकर बताऊंगी कि मामला क्या है।”
रेनू पांडे
पंचायत इंस्पेक्टर, जनपद सोहागपुर