बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि दंगा कराने वाले लोग सरकार में शामिल: अखिलेश यादव
लखनऊ
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ लखनऊ समेत यूपी के कई शहरों में हुई हिंसा पर समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा। अखिलेश ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि दंगा कराने वाले लोग सरकार में शामिल हैं। उन्होंने आगे पुलिस प्रशासन को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि जिस प्रदेश का सीएम 'ठोक देंगे' और 'बदला ले लो' वाली भाषा इस्तेमाल करता हो वहां की पुलिस कैसे निष्पक्ष हो सकती है। अखिलेश ने यह वसूली को लेकर कहा कि इसकी शुरुआत 2007 में गोरखपुर का माहौल खराब कराने के लिए सबसे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ से होनी चाहिए।
देखते हैं कि 25 दिसंबर को क्या होता है- अखिलेश
अखिलेश ने सीएम योगी आदित्यनाथ को आढ़े हाथ लेते हुए कहा, 'क्या कोई सीएम ऐसे कहता है कि- ठोक देंगे या बदला लेंगे। भाषा देखिए उनकी। यहां तो पत्रकारों के साथ भी अपमान किया जा रहा है। उससे कहा जा रहा है कि दाढ़ी नोच ली जाएगी।' यही नहीं अखिलेश ने पीएम नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला। अखिलेश ने कहा, 'दीवाली रमजान, श्मशान और कब्रिस्तान या कपड़ों से पहचानने वाली भाषा किसकी हो सकती है।' अखिलेश ने आगे कहा कि पूरे यूपी में 144 लागू है लेकिन क्या यह बीजेपी के लिए नहीं है? देखते हैं कि 25 दिसंबर को क्या होता है, क्या केवल विपक्ष के लिए ही धारा 144 लागू है क्या।
'क्या सीएम की भाषा हो सकती है- बदला लो, ठोक दो'
अखिलेश ने आगे कहा, 'नफरत से इनको लाभ मिलता है, डराकर लाभ मिलता है। समाजवादी का कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से हुआ। अगर किसी ने माहौल बिगाड़ा है तो वह सरकार के इशारे पर सब कुछ हुआ है। क्या सीएम की भाषा हो सकती है बदला लो, ठोक दो।'
'दंगे से उसी को लाभ जो सरकार में'
अखिलेश ने कहा, '300 विधायक जो नाराज हैं उसे छिपाने के लिए ये सब हो रहा है। इसलिए जिनके घर शीशे के हों वह दूसरों के घर पत्थर नहीं फेंकते। दंगा करने वाले लोग सरकार में बैठे है।' अखिलेश ने कहा, 'हम कभी एनआरसी का समर्थन नहीं करेंगे। बीजेपी एनआरसी के जरिए एक बार फिर लोगों को लाइन में खड़ा करना चाहती है।' अखिलेश ने कहा, 'दंगों से उसी को लाभ होता है जो सरकार में रहते हैं। इसलिए बीजेपी जानकर बूझकर नफरत फैला रही है, ध्यान भटका रही है क्योंकि बीजेपी मुद्दों पर असफल हुई है।'
'2007 का हिसाब दें मुख्यमंत्री'
प्रदर्शनकारियों से वसूली के फैसले पर अखिलेश ने योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला। अखिलेश ने कहा, 'लगे हाथों 2007 का जुर्माना भी दे दे मुख्यमंत्री जी। गोरखपुर दंगों का हिसाब कौन करेगा।' अखिलेश ने आगे पुलिस पर निशाना साधते हुए कहा कि जहां शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो रहा था, वहां पुलिस खुद तोड़फोड़ कर रही थी। अखिलेश ने कहा, 'अगर विडियो क्लिप देखकर चिन्हित किया जा रहा है तो सरकार यह भी देख ले कि कौन हमला कर रहे थे। क्या यूपी में पुलिस ने खुद कुछ नहीं किया है। कई विडियो सर्क्युलेट हुए हैं कि जिसमें पुलिस खुद तोड़फोड़ कर रही है। अगर बस जलाई गई तो बस लाया कौन था वहां, उसका विडियो भी आपके पास होगा न।'
'गांव में किसके पास हैं कागज'
एनआरसी, सीएए पर अखिलेश ने कहा, 'अगर आप गांव में किसी भी गरीब के घर जाए तो घर का कागज उसके पास नहीं होगा। हमारे सामने लेकर आएं ऐसे लोग, जो गांव में रहते हैं निवास करते हैं, कितने लोगों के पास उनकी जमीन के कागज हैं। सरकार चाहती है कि जैसे नोटबंदी के दौरान कैश के लिए लोग लाइन में खड़े थे, वैसे ही इसमें भी खड़े हो जाएं और असली मुद्दों से भटक जाएंगे।' अखिलेश ने कहा, 'समाजवादी ने शांतिपूर्ण ढंग से धरना दिया है प्रदर्शन किया, अगर किसी माहौल बिगाड़ा है तो वह सरकार के लोगों ने।'
अखिलेश ने कहा, 'पड़ोस का उन्नाव में दो बेटियों की जान चली गई न्याय मांग रही थी। दो बेटियों को आत्मदाह करना पड़ा, ये न्याय हो रहा है। 370 हटाने पर कहा था कि कश्मीर में इंवेस्टमेंट लाएंगे, टूरिज्म लाएंगे, नौकरी देंगे, कहां है वो सब।'
अखिलेश पर बीजेपी का पलटवार
उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि एसपी के सांसद और विधायक उपद्रवियों के साथ खड़े थे। दिनेश शर्मा ने कहा, 'पूछना चाहता हूं कि एनआरसी का उनका (अखिलेश यादव) विरोध क्या है? संभल और कानपुर में एसपी के विधायक और सांसद उपद्रवियों के साथ खड़े हुए देखे गए। विपक्ष अपनी जिम्मेदारियों से बच रहा है। लखनऊ में मालदा के लोग पकड़े गए। विपक्ष को उपद्रवियों की निंदा करनी चाहिए। निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, सरकार का स्पष्ट निर्देश है।